पंकज त्रिपाठी ने बयां की अपनी संघर्ष की कहानी, कहा पिताजी बनाना चाहते थे डॉक्टर
बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी इंडस्ट्री के संजीदा एक्टर हैं| उनकी एक्टिंग की दुनिया दीवानी है. पंकज हर किरदार को बखूबी निभाते हैं| यही वजह है कि पंकज आज फिल्म इंडस्ट्री पर इस मुकाम तक पहुंचे हैं| हाल ही में दिए इंटरव्यू के दौरान पंकज ने हिंदी फिल्म को लेकर कहा कि – ‘कुछ साल पहले तक पहले ऐसा नहीं था.
हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बहुत जल्दी कलाकारों को टाइपकास्ट कर देती है| वह या तो विलेन बना देगी या कॉमेडियन बना देगी| हम सौभाग्य से उस दौर में आए जब सिनेमा, इसकी कहानी, कहानी कहने का तरीका सब कुछ बदल रहा है| मैं सौभाग्यशाली हूं कि इस बदलते दौर के सिनेमा का मैं गवाह हूं|’
इसके साथ ही एक्टर ने बताया कि – ‘मेरे घर में बहुत जुनून था सरकारी नौकरी का| मेरे बाबूजी चाहते थे कि मैं डॉक्टर बनूं| तब कहीं एलडीसी यानी लोअर डिवीजन क्लर्क बन जाए या यूडीसी बन जाए तो वही बड़ी बात होती थी| यह बाबूजी की चाहत थी| मुझमें में ये चाहत नहीं थी| मैं थोड़ा अनुशासन तोड़ने वाला आदमी था|’
आगे एक्टर ने कहा – ‘पैसों के लिए काम करने का मेरा वक्त जा चुका है| अब मैं दोस्तों, नातों व संबंधों के लिए काम करता हूं|’ अपनी अपकमिंग फिल्म ’83’ को लेकर एक्टर ने कहा – ‘मैंने कभी क्रिकेट नहीं खेला| बचपन में गांव में रेडियो कमेंट्री जरूर खूब सुनी है| तब पूरे गांव में बस दो ही रेडियो होते थे और उसी से हमें पता चला कि गावस्कर , कपिल देव और रवि शास्त्री कौन हैं, फिर फिल्म ’83’ की शूटिंग के दौरान मेरी मुलाकात सुनील गावस्कर से हुई तो ये सब उनको बताते बताते मैं इतना भावुक हो गया कि रो पड़ा|’