भागवत वेद रूपी कल्प वृक्ष का फल है-कथा व्यास पवन देव
प्रतापगढ़ रामपाल परिसर चिलबिला में हो रही भागवत कथा का वाचन करते हुए कथा व्यास पवन देव ने कहा कि भागवत पुराण को महापुराण की संज्ञा दी गई है।यह वेद रूपी का फल है।
उन्होंने कहा कि शेष सभी सत्रह पुराण मात्र पुराण है।आगे कहा कि दुनिया में धर्म यदि कोई धर्म है तो वह सनातन धर्म ही है। शेष धर्म नहीं सम्प्रदाय हैं। उन्होंने सनातन धर्म के ह्रास होने पर अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा कि हमें अपने बच्चों को हाय हेलो को छोड़ कर राधे राधे, जय श्री राम कहने का अभ्यास कराना चाहिए।
मुस्लिम के नमाज को संस्कृत का शब्द बताया।भक्त ध्रुव जी के जीवन लीला का विस्तार से वर्णन किया। कथा में रवींद्र कुमार सिंह,डॉ. प्रतीक सिंह, सुरेश नारायण द्विवेदी एडवोकेट, हरिश्चंद सिंह, शंकर शरण सिंह, शिवकुमार सिंह आदि उपस्थिति रहे।