बाढ़ से बेहाल हुआ बिहार, गंगा समेत 9 नदियों ने आखें की लाल, 39 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित
पटना : कोरोना महामारी के बीच बिहार में हर साल की तरह इस बार भी बाढ़ ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. बिहार में बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं.राज्य के 12 जिलों के 102 प्रखंडों की 923 पंचायतों की 39 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है.
सरकार के तरफ से जानकारी दी गई है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं. विभिन्न जिलों में 843 सामुदायिक किचेन चलाए जा रहे हैं. यहां पर प्रतिदिन चार लाख 70 हजार लोगों को भोजन कराया जा रहा है. राज्य में 23 राहत शिविर भी लगाए गए हैं, जहां पर 22 हजार लोगों को रखा गया है। बाढ़ से जो जिले प्रभावित हैं, उनमें सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, खगड़िया, सारण और समस्तीपुर शामिल हैं.
9 नदियां लाल निशान से ऊपर
बिहार की नदियों में इस बार गजब का उतार-चढ़ाव दिख रहा है. रोज इनके जलस्तर में बदलाव हो रहा है. बुधवार को अधवारा नदी थोड़ा नीचे उतरी तो बागमती और बुढ़ी गंडक ने आखें लाल कर ली. इन दोनों नदियों का जलस्तर कई जगहों लाल निशान से दो मीटर से भी ज्यादा ऊपर चढ़ गया है. बुढ़ी गंडक तो रोसड़ा रेलपुल के पास लाल निशान से तीन मीटर ऊपर बहने लगी है. बुधवार को भी आठ नदियां लाल निशान से ऊपर हैं। गंगा भी कहलगांव में लाल निशान से ऊपर चल रही है. हालांकि इसके जलस्तर में कोई बदलाव नहीं है और पटना में यह अब भी लाल निशान से काफी नीचे है. लेकिन अगर गंगा को जोड़ लें नौ नदियां लाल निशान से ऊपर हो गई हैं.