बिहार की राजनीति : तेज प्रताप की साली करिश्मा राय को तेजस्वी ने ज्वाइन कराई RJD
तेज प्रताप की साली डॉ. करिश्मा राय ने गुरुवार को राजद की सदस्यता ग्रहण की। तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई है। करिश्मा राय चंद्रिका राय के बड़े भाई विधान राय की बेटी हैं। ये पेशे से एक डॉक्टर हैं।
विदित हो कि तेज प्रताप और उनकी पत्नी एश्वर्या के बीच तलाक का केस चल रहा है। जिसे लेकर चंद्रिका राय और लालू परिवार के बीच काफी तनातनी चल रही है। कभी राजद के एक कर्मठ नेता मान जाने वाले चंद्रिका राय ने राजद से किनारा कर उसके खिलाफ जंग छेड़ रखा है। ऐसे में करिश्मा राय का राजद में शामिल होना एक बड़ी बात है।
इधर पार्टी में शामिल होने के बाद करिश्मा राय ने कहा कि वे ऐशो आराम की जिंदगी से खुश नहीं है। मैं आज ही आरजेडी ज्वाइन कर रही हूं मैं स्वर्गीय दरोगा प्रसाद राय जी जो मेरे दादा जी थे मैं उनके कार्यो से बहुत ज्यादा प्रेरित हूं। और ज्वाइन करने के पीछे मकसद है कि मैं समाज सेवा कर सकूं।
मैंने इसलिए ये निर्णय लिया क्योंकि अपने लिए तो सभी जीते हैं एसी में बैठना, अच्छा खाना सभी चाहते हैं लेकिन मेरे लिए ये जिंदगी नहीं है। मैं इस जिंदगी से खुश नही हूं. मैं चाहती हूं कि दूसरों के लिए भी मैं कुछ करूं। अगर मेरे जैसे पढ़े लिखे और काबिल व्यक्ति अगर कुछ नहीं करेंगे तो फिर कौन करेगा। मुझे लगता है समाज के प्रति मेरा बहुत बड़ा दायित्व है और अब यह समय आ गया है कि मैं इसे पूरा करूं और राजनीति में मुझे बहुत बड़ा दायरा मिलेगा।
आरजेडी को ही चुनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे दादा जी का कार्य और राजद के कार्य में काफी समानता है। मेरे दादा दरोगा राय ने भी हमेशा दबे कुचले, शोषित वर्ग के लोगों के लिए बहुत काम किया था, जिसे लालू प्रसाद यादव ने आगे बढ़ाया। ऐसे में मुझे लगा कि राजद ही मेरे लिए सबसे बेहतर पार्टी है।
उल्लेखनीय है कि तेजप्रताप का संबंध उनकी पत्नी और चंद्रिका राय की बेटी से ठीक नहीं है। दोनों के बीच तलाक का मुकदमा भी चल रहा है। लोकसभा चुनाव में जब चंद्रिका राय को लालू प्रसाद ने छपरा सीट से उतारा तो तेजप्रताप ने विरोध किया था। उन्होंने उनके खिलाफ प्रचार करने तक की घोषणा की थी। हालांकि बाद में राबड़ी देवी के हस्तक्षेप के बाद वह मान गये थे। लेकिन इस खींचतान का नुकसान चंद्रिका राय को उठाना पड़ा था। लालू प्रसाद की पारंपरिक सीट होने के बावजूद यहां से खड़े चंद्रिका हार गए थे। हालांकि पहले राबड़ी देवी खुद छपरा से चुनाव हार चुकी हैं।