चीनी हैकर्स ने की वेटिकन के कंप्यूटर नेटवर्क में घुसपैठ, जानिए साइबर अटैक के बारे में और और जानकारी
चीनी सरकार की गोद में बैठे हैकर्स ने वेटिकन के कंप्यूटर नेटवर्क में भी घुसपैठ की थी। वे रोमन कैथोलिक चर्च के हांगकांग प्रतिनिधि की भी जासूसी कर रहे थे। वेटिकन ने इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा है। दुश्मन देशों की सरकार द्वारा प्रायोजित साइबर हमलों का पता लगाने वाली अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी फर्म ‘रिकार्डेड फ्यूचर’ ने यह जानकारी दी है। फर्म के मुताबिक, यह साइबर हमला मई में शुरू हुआ था।
अमेरिकी सिक्योरिटी फर्म की रिपोर्ट से सामने आई सच्चाई
यह समय इसलिए महत्वपूर्ण है कि 2018 में एक अहम समझौते के बाद वेटिकन और बीजिंग के बीच संबंध कायम हुए थे और इसके नवीनीकरण को लेकर दोनों पक्षों के बीच इसी साल सितंबर में वार्ता होने की उम्मीद है। चीन में कैथोलिक चर्च के संचालन को लेकर दो साल के लिए यह समझौता हुआ था।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी हैकर्स के रडार पर हांगकांग के कैथोलिक स्टडी मिशन के प्रमुख भी थे, जिन्हें चीन के लिए पोप फ्रांसिस का दूत माना जाता है। इनके आपसी संवाद की जासूसी के लिए वही तौर-तरीके अपनाए गए, जो चीनी हैकर्स पहले से आजमाते आए हैं। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन साइबर सुरक्षा का निष्ठावान रक्षक है। चीन ऐसे आरोपों से इन्कार करता आया है। वह खुद को ही इसका शिकार बताता है।
चीनी हैकरों पर लगा था कोविड-19 वैक्सीन के शोध को निशाना बनाने का आरोप
पिछले दिनों अमेरिकी न्याय विभाग ने दो चीनी हैकरों पर दुनियाभर की कंपनियों के व्यापार से जुड़ी करोड़ों डॉलर मूल्य की गुप्त जानकारियों को चुराने और हाल ही में कोरोना वायरस के लिए टीका विकसित कर रही फर्मो को निशाना बनाने का आरोप लगाया था।
अधिकारियों ने बताया कि हाल के महीनों में हैकरों ने वैक्सीन और उपचार विकसित करने के अपने काम के लिए सार्वजनिक रूप से ज्ञात कंपनियों के कंप्यूटर नेटवर्क की कमियों पर शोध किया था। मामले में हैकर्स के खिलाफ व्यापार से जुड़ी गुप्त जानकारियां चोरी करने और धोखाधड़ी के आरोप शामिल हैं।