पंजाब के तीन जिलों में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 49 हुई, आज 42 मरे
पंजाब के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से मरने वांलों की संख्या 49 हो गई है। मरने वाले तरनतारन, अमृतसर और बटाला क्षेत्र के हैं। इससे पहले सात लोगों की मौत हो गई थी। आज 42 और लोगों ने दम तोड़ दिया। इससे हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वीरवार को मारे गए पांच लोगों के परिजनों ने इस संबंध में पुलिस को बिना सूचना दिए शवों का अंतिम संस्कार कर दिया।
तरनतारन में सबसे ज्यादा 30, बटाला में आठ और अमृतसर में चार की जान गई
पंजाब में लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब की बिक्री पर चल रही सियासी खींचतान के बीच शुक्रवार को तीन सीमावर्ती जिलों तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर में जहरीली देसी शराब पीने से 42 लोगों की मौत हुई। तरनतारन में सबसे ज्यादा 30, बटाला (गुरदासपुर) में आठ और अमृतसर में चार लोगों की मौत हुई। वीरवार को अमृतसर में सात लोगों की जान गई थी। इस तरह दो दिन में तीन जिलों के 10 गांवों और दो शहरी इलाकों में 47 लोगों की मौत हुई है। कई लोगों की हालत अभी गंभीर है। मरने वाले लोग ज्यादातर मजदूर तबके के हैं।
तीन जिलों के 10 गांवों व दो शहरी इलाकों में हुई मौतें, कई लोगों की हालत अब भी गंभीर
वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जालंधर के डिवीजनल कमिश्नर को घटना की न्यायिक जांच करने के आदेश दिए हैं। इस जांच में ज्वाइंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर व संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक भी शामिल होंगे। उधर, पंजाब पुलिस के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा है कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि सभी की मौत कच्ची लाहन यानी देसी शराब पीने से हुई।
गौरतलब है कि यह बेल्ट अवैध देसी शराब के लिए बदनाम है। यहां कई बार छप्पड़ों (छोटे तालाब) में अवैध शराब मिलने के मामले सामने आते रहे हैं। प्रारंभिक जांच में तीनों जिलों में हुई घटनाओं में कोई संबंध सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि शराब में इस्तेमाल होने वाला केमिकल किसी एक जगह से खरीदा गया।
तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह धूरी ने कहा, हम जांच कर रहे हैं कि एक साथ इतने गांवों में जहरीली शराब से इतनी मौतें कैसे हो गईं। शराब बनाने में किन केमिकल आदि का इस्तेमाल हुआ और इनकी सप्लाई कहां से हुई, इन सभी तथ्यों पर जांच की जा रही है।
तरनतारन में मरने वाले 30 लोग नौरंगाबाद, मल्लमोहरी, कक्का कंडियाला, भुल्लर, बचड़े, अलावलपुर, जवंदा, कल्ला व पंडोरी गोला के रहने वाले हैं। इनमें गांव मल्लमोहरी के पिता-पुत्र भी शामिल हैं। मृतकों में 22 वर्ष के युवक से लेकर 60 वर्ष तक के बुजुर्ग शामिल हैं। वहीं, अमृतसर में मुच्छल गांव और बटाला में हाथी गेट व कपूरी गेट में जहरीली शराब से मौतें हुई हैं। यह संख्या कल तक और बढ़ सकती है।
तरनतारन में छह हिरासत में
तरनतारन में छह लोगों को हिरासत में ले लिया है। मरने वाले अधिक लोगों के परिजनों ने पुलिस को सूचित किए बिना ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। बटाला में चार परिवारों ने शवों का अंतिम संस्कार कर दिया है। बटाला व अमृतसर में दो-दो मरीजों की हालत खराब है। सिविल अस्पताल तरनतारन व गुरु नानक देव सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज के दौरान मरने वाले आठ लोगों के शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई है।
कुछ दिन पहले जिले के तरनतारन के रटौल गांव में तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि एक ग्रामीण की दोनों आंखों की रोशनी चली गई। बटाला के एसएसपी उपेंद्रजीत सिंह घुम्मण ने डीएसपी सिटी की अगुआई में जांच टीम गठित कर दी है। वहीं, एसएमओ डॉक्टर संजीव भल्ला का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा।
अमृतसर के तरसिका एसएचओ हिरासत में, महिला गिरफ्तार
अमृतसर के तरसिका थाने के निलंबित एसएचओ (थाना प्रभारी) विक्रम सिंह और शराब बेचने वाली महिला बलविंदर कौर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। एसएचओ पर शिकायत के बावजूद कार्रवाई न करने का आरोप है। शुक्रवार को पुलिस ने चार शवों को पोस्टमार्टम करवाकर वारिसों के सुपुर्द कर दिए हैं।
एसपी (डी) गौरव तूड़ा ने बताया कि शराब की सप्लाई करने वाले दो अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी के सदस्य कई जगहों पर छापे मार चुके हैं। मामले की जांच के लिए आइजी सुरिंदरपाल सिंह परमार के आदेश पर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) बनाई गई है।
इस मामले में मृतकों में गांव मुच्छल के मंगल सिंह, बलविंदर सिंह, दलबीर सिंह, गुरप्रीत सिंह, कश्मीर सिंह, काका सिंह, कृपाल सिंह, जसवंत सिंह , जोगा सिंह के अलावा कांगड़ा गांव के बलदेव सिंह शामिल हैं। बटाला शहर में बूटा राम, भिंडा , रिंकू सिंह, काला, कालू , बिल्ला और जितेंद्र की मौत हुई है।
इन लोगों की मौत देसी ढंग से घरों में तैयार की गई अवैध शराब पीकर हुई है। मारे गए लोगों में गांव नौरंगाबाद निवासी धर्म सिंह, साहिब सिंह, तेजा सिंह, हरबंस सिंह, सुखदेव सिंह, गांव मल्लमोहरी निवासी मिट्ठू सिंह, नाजर सिंह (पिता-पुत्र), जोधपुर निवासी मिट्ठू सिंह, भुल्लर निवासी प्रकाश सिंह, गांव बचड़े गुरमेल सिंह के अलावा तरनतारन निवासी रंजीत सिंह, हरजीत सिंह, हरजीत सिंह हीरा, भाग मल्ल सिंह, अमरीक सिंह शामिल है। डीसी कुलवंत सिंह धूरी का कहना है कि मामले की जांच के आदेश दिए गए है।
गांव मुच्छल के करीब तीस घरों में अवैध शराब का धंधा करते हैं लोग
जानकारी के अनुसार, गांव मुच्छल में वीरवार को जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को आसपास के गांव के 16 और लोगों ने दम तोड़ दिया। वीरवार को मरे लोगों की पहचान दलबीर सिंह, बलविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, मंगल सिंह व बलदेव सिंह के रूप में हुई थी। इन पीडि़त परिवारों ने पुलिस को सूचित किए बिना ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। साथ ही आरोप लगाया कि गांव के कई घरों में देसी शराब निकालकर बेची जाती है।
सब इंस्पेक्टर अनूप सिंह ने बताया कि पुलिस पीडि़तों के बयान ले रही है। मुच्छल गांव निवासी जागीर कौर ने बताया कि उसका बेटा गुरप्रीत सिंह पिछले तीन साल से शराब पी रहा था। मंगलवार को उसने काफी शराब पी। देर रात उसकी तबीयत बिगड़ गई। बुधवार को उसने दम तोड़ दिया।
वहीं मंगल सिंह, दलबीर सिंह, बलदेव सिंह और बलविंदर सिंह के स्वजनों ने बताया कि चारों ने मंगलवार को गांव में ही शराब पी थी। सभी की मौत बुधवार को हुई। पीडि़त परिवारों ने आरोप लगाया कि गांव में अवैध शराब का धंधा पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है। यहां 30 से अधिक घर अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं। सस्ती शराब के चक्कर में युवाओं की जिंदगी से खेला जा रहा है। एसएसपी विक्रमजीत दुग्गल ने कहा कि मामले की पूरी जांच करवाई जाएगी।