प्रशांत किशोर ने कहा – आधे से ज्यादा बच्चों के शरीर पर शुद्ध कपड़ा नहीं, अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करें
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिलाया। प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं चार हजार गांवों से पैदल चलकर आ रहा हूं। रास्ते में मुझे अगर 100 बच्चे मिले, तो आधे से ज्यादा बच्चों के शरीर पर शुद्ध कपड़ा नहीं है। ज्यादातर बच्चों के पैरों में चप्पल तक नहीं है। आपका बच्चा आज स्कूल में पढ़ने गया होगा, उसने वहां पढ़ा नहीं है, बल्कि पिलुआ वाली खिचड़ी खाकर आया होगा। लेकिन, आपको इसकी कोई चिंता नहीं है।
आगे उन्होंने कहा गाँव में पांच आदमी बैठते हैं, तो आप मोबाइल पर देखते हैं कि नेता क्या कर रहे हैं। लेकिन अपने बच्चों की दुर्दशा आपको नहीं दिख रही है। ऐसे में आप नहीं भोगिएगा तो भला और कौन भोगेगा। इसलिए आप अपने बच्चों के शिक्षा, रोजगार और भविष्य की चिंता करें। प्रशांत किशोर ने कहा कि यहां के लोगों को अपने बच्चों की चिंता नहीं है।
जिन नेताओं ने आपके बच्चों का हक लूटा है, आपके बच्चों के हाथों से किताब-कॉपी लेकर उनके हाथों में खिचड़ी वाला प्लेट पकड़ा दिया। जिन नेताओं के भ्रष्टाचार से आपके बच्चे मजदूर बनकर पूरे देश में घूम रहे हैं। बावजूद इसके उसी दल को, उसी नेता को आप जात के नाम पर, धर्म के नाम पर वोट देते हैं, तो आपसे बड़ा गुनहगार कौन है। बिहार में लोग कहते हैं कि विकल्प ही नहीं है। मैं कहता हूं, यदि विकल्प नहीं है तो विकल्प बनाइए।
बता दें कि शुक्रवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा दरभंगा जिले में चली। इस दौरान वे तीन पंचायतों के 10 गांवों में गए। पदयात्रा की शुरुआत मां जगदंबा स्टेडियम से शुरू होकर हरिहरपुर, मालपट्टी, धर्मपुर, मधुपुर, टेकटार, धर्मपुर, राही टोला, उसरा, अहियारी उत्तरी, कमतौल के मीडिल स्कूल कमतौल मैदान में आकर रुकी।