लेह में जवानों से बोले पीएम नरेंद्र मोदी- आपका मुकाबला कोई नहीं कर सकता

 लेह में जवानों से बोले पीएम नरेंद्र मोदी- आपका मुकाबला कोई नहीं कर सकता

पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के कुछ ही दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, ”आपका यह हौसला, आपका शौर्य और मां भारत के मान सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुल्यनीय है। आपकी जिवटता भी दुनिया में किसी से कम नहीं। जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा करते हैं उसकी सेवा करते हैं। उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता है। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है जहां आप तैनात हैं। आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है जिसे आप हर दिन कदमों से नापते हैं। आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत है जो आपके ईर्द गिर्द खड़ी है। आपकी इच्छाशक्ति पर्वतों जितनी अटल है। आज आपके बीच आकर मैं इसे महसूस कर रहा हूं। अपनी आंखों से देख रहा हूं।”

देश की रक्षा आपके हाथों में है

पीएम ने कहा, जब देश की रक्षा आपके हाथों में है। आपके मजबूत इरादों में है तो एक अटूट विश्वास है, सिर्फ मुझे नहीं पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत है। आप जब सरहद पर डटे हैं तो यही बात प्रत्येक देशवासी को देश के लिए दिन-रात काम करने के लिए प्रेरित करती है। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प आप लोगों के कारण आपके त्याग, बिलदाी न के कारण और मजबूत होता है। अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है उसने पूरी दुनिया में संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है। 

पीएम ने कहा- मैं मेरे सामने महिला फौजियों को भी देख रहा हूं। युद्ध के मैदान में यह दृश्य प्रेरणा देता है। राष्ट्र कवि रामधानी दिनकर जी ने लिखा था, ”जिनके सिंहनाद से सहमी, धरती रही अभी तक डोल, कलम आज उनकी जय बोल। मैं अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं। आपका अभिनंदन करता हूं। मैं गलवान घाटी में शहीद हुए अपने वीर जवानों को भी पुन: श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इनमें पूरब-पश्चिम, दक्षिण से देश के हर कोने से वीर अपना शौर्य दिखाते हैं। उनके पराक्रम उनके सिंहनाद से धरती अब भी उनका जयकारा कर रही है। आज हर देशवासी का सिर आपके सामने अपने देश के वीर सैनिकों के सामने आदरपूर्वक नमन करता है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है।”

14 कोर की जाबांजी के किस्से तो हर तरफ है

पीएम ने कहा- सिंधु के आशीर्वाद से यह धरती पुण्य हुई है। वीर सपूतों के शौर्य और पराक्रम की गाथाओं को यह धरती समेटे हुए है। लेह लद्दाख से लेकर करगिल और सियाचिन तक, रेजांगला की बर्फीली चोटियों से गलवान नदी की ठंडी धारा तक हर चोटी, हर कंकड पत्थर भारतीय सैनिकों की पराक्रम की गवाही देते हैं। 14 कोर की जाबांजी के किस्से तो हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है, जाना है, आपकी शौर्यगाथाएं घर-घर गूंज रही है। भारत माता के दुश्मनों ने आपकी फायर और आपकी फ्यूरी भी देखी है। लद्दाख का यह पूरा हिस्सा यह भारत का मस्तक 130 करोड़ देशवासियों के मान सम्मान का प्रतीक है। यह भूमि भारत के लिए सर्वस्व त्याग करने के लिए तैयार रहने वालों की राष्ट्रभक्तों की धरती है। 

लद्दाख के लोग राष्ट्र को सशक्त करने के लिए अद्भुत योगदान दे रहे हैं

पीएम ने कहा- आज लद्दाख के लोग हर स्तर पर चाहे सेना हो या सामान्य नागरिक के कर्तव्य हों, राष्ट्र को सशक्त करने के लिए अद्भुत योगदान दे रहे हैं।   हमारे यहां कहा जाता है, वीर भोग्य वसुंधरा।  यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही मातृभूमि की रक्षा करते हैं। ये धरती वीर भोग्या है। इसकी रक्षा-सुरक्षा को हमारा सामर्थ्य और संकल्प हिमालय जैसा ऊंचा है। ये सामर्थ्य और संकल्प में आज आपकी आंखों पर, चेहरे पर देख सकता हूं।

विश्व ने हमारे वीरों का पराक्रम भी देखा है

उन्होंने कहा कि  भारत आज जल, थल, नभ और अंतरिक्ष तक अगर अपनी ताकत बढ़ा रहा है, तो उसका लक्ष्य मानव कल्याण ही है। भारत आज आधुनिक अस्त्र शस्त्र का निर्माण कर रहा है, दुनिया की आधुनिक से आधुनिक तकनीक भारत की सेना के लिए ला रहें हैं, तो उसके पीछे की भावना भी यही है। विश्व युद्ध हो या फिर शांति की बात, जब भी जरुरत पड़ी है तो विश्व ने हमारे वीरों का पराक्रम भी देखा है और विश्व शांति के उनके प्रयासों को महसूस भी किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैं राष्ट्र रक्षा के किसी निर्णय के बार में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं के बारे में सोचता हूं। पहली- हम सभी की भारत माता। दूसरी- वे वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे पराक्रमी योद्धाओं को जन्म दिया है। मेरे निर्णय की कसौटी यही है।
 

पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के कुछ ही दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। यहां उन्होंने थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से बातचीत की। सूत्रों ने बताया कि मोदी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ सुबह करीब साढ़े 9 बजे लेह पहुंचे।

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