सोलर ऊर्जा के मॉडल बनेंगे बिहार के 15 गांव, 5 साल में 2493 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य

 सोलर ऊर्जा के मॉडल बनेंगे बिहार के 15 गांव, 5 साल में 2493 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य

राज्य सरकार ने सोलर ऊर्जा को गांवों तक पहुंचाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। सरकार पांच गांवों को सोलर ऊर्जा के मॉडल गांव के रूप में विकसित करेगी। इसके लिए सभी जिलों से गांवों की नाम मांगा गया है।

ऊर्जा विभाग ने इस संबंध में पहल की है। कार्यान्वयन की जिम्मेदारी ब्रेडा को सौंपी गयी है।

गांवों के चयन के लिए सभी जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगा गया है। उनके द्वारा भेजे गए नामों में से पांच गांवों का चयन किया जाएगा। ब्रेडा के निदेशक आलोक कुमार ने बताया कि दस गांवों को सोलर मॉडल गांव बनाने के बाद अब पांच गांवों को ‘मॉडल उर्जा दक्ष ग्राम’ के रुप में विकसित करने की योजना है।
कजरा और पीरपैंती में अब 1320 मेगावाट क्षमता का लगाया जाएगा सौर ऊर्जा प्लांट

बिहार तेजी से ऊर्जा सेक्टर में बढ़ रहा है। सौर ऊर्जा का उत्पादन लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि कजरा और पीरपैंती में भी अब 1320 मेगावाट क्षमता के थर्मल पावर प्लांट की जगह सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना है। सौर ऊर्जा की बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना को भी गति दी गयी है। बिहार ने पिछले दिनों सौर ऊर्जा को लेकर कई बेहतर कदम उठाए हैं।

इनमें सरकारी भवनों, रुफ टॉप बिजली से लेकर बेकार स्थानों पर सौर प्लेट लगाने की योजना शामिल है। आधा दर्जन परियोजनाओं से बिजली पैदा हो रही है। इसके अलावा लगभग दो दर्जन से अधिक परियोजनाओं का निर्माण प्रस्तावित है। कई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इस साल के अंत तक कई नयी परियोजनाओं से भी बिजली पैदा होने लगेंगी।
ये गांव हुए विकसित

एकंगरसराय (नालंदा) का चमेहरा, लक्ष्मीपुर ( जमुई) का कला मुशहरी, अस्थावां (नालंदा) का जाफरा-वार्ड11 व वार्ड 12, नरसंडा (नालंदा) का वार्ड 11, अस्थावां (नालंदा) के मुस्तफापुर, मोहनिया (कैमूर) के भरखर, भभुआ (कैमूर) के देहकला, पीरो (भोजपुर) के जीतौरा वार्ड 14 व 15
5 साल में 2493 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य


केंद्र के अनुसार पांच वर्षों में बिहार में 2493 मेगावाट अपारंपरिक ऊर्जा का उत्पादन होने लगेगा। इसमें 244 मेगावाट बायोमास और 25 मेगावाट पनबिजली भी शामिल है। सिर्फ सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 2022 मेगावाट बिजली पैदा होगी। पूरे देश में पांच साल के बाद 99533 मेगावाट बिजली अपारंपरिक ऊर्जा से उत्पादित होगी। पावर सेक्टर में बिहार की मौजूदा कार्यप्रणाली पहले की अपेक्षा काफी अच्छी हुई है। आने वाले समय मे इसकी रफ्तार और बढ़ेगी। बिहार में न केवल बेहतर काम हो रहा है, बल्कि अत्याधुनिक तकनीक का भी प्रयोग हो रहा है।

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