अक्टूबर में घटे EPFO के 18 लाख सदस्य, कम हुईं योगदान देने वाली 30,800 कंपनियां
रोजगार पर कोरोना संकट का असर कम होता नहीं दिख रहा है।
सरकार और निजी क्षेत्र की चौतरफा कोशिशों के बाद भी संगठित क्षेत्र में इस साल अक्तूबर में गिरावट आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर में 18 लाख सदस्य घटे हैं। साथ ही ईपीएफओ में कर्मचारियों के लिए अंशदान करने वाली 30,800 कंपनियां भी कम हुई हैं।
इस साल कोरोना की वजह मार्च से मई तक लॉकडाउन लगाया था। ऐसे में अप्रैल में ईपीएफओ के सदस्यों की संख्या में पहली बार चालू वित्त वर्ष में गिरावट आई थी। लेकिन अक्तूबर की गिरावट अप्रैल से कहीं अधिक है। मिंट की ओर किए गए आंकड़ों के आकलन से यह तथ्य सामने आया है कि चालू वित्त वर्ष पहली छमाही जहां मुश्किलें भरी रहीं हैं। वहीं दूसरी छमाही में भी रोजगार के मोर्चे पर बहुत तेज सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है।
इसके अलावा कम वेतन भी एक नई चुनौती है। हालांकि, सरकार की ओर से कम वेतन वालों कर्मचारियों और शर्तों को पूरा करने वाली कंपनियों के योगदान के बदले पीएफ में राशि डालने से आने वाले समय में स्थिति कुछ बेहतर होने की उम्मीद बंधी है।
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