30 अप्रैल 2022: “बिहार की चाय’’ को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए परिचर्चा का आयोजन
30 अप्रैल 2022 को बिहार की चाय की नगरी किशनगंज में ‘बिहार की चाय’ पर परिचर्चा का आयोजन किया जायेगा। इस आयोजन में श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री, बिहार मुख्य अतिथि होंगे। इस परिचर्चा की अध्यक्षता डॉ॰ एन॰ सरवण कुमार, सचिव कृषि विभाग, बिहार सरकार के द्वारा किया जायेगा। इस अवसर पर बिहार की चाय का विशिष्ठ प्रतीक के रूप में एक लोगो को भी जारी करने का प्रस्ताव है, जिससे बिहार में उत्पादित एवं प्रसंस्कृत चाय को एक पहचान मिलेगी। साथ ही, राज्य में भारतीय चाय बोर्ड के साथ बिहार के प्रतिनिधित्व को शामिल करने के लिए भी अनुरोध किया गया है। ज्ञात हो कि भारतीय चाय बोर्ड में बिहार को छोड़कर चाय उत्पादन करने वाले दूसरे राज्यों के प्रतिनिधि पहले से ही शामिल है। भारतीय चाय बोर्ड भारत सरकार की एजेंसी है, जिसकी स्थापना भारत में चाय के उत्पादन, प्रसंस्करण और घरेलू व्यापार के साथ-साथ निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई है। परिचर्चा में उद्योग निकायों सहित बिहार के सभी प्रमुख चाय उत्पादक भी भाग लेंगे।
विदित हो कि बिहार में लगभग 10 हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में चाय का उत्पादन होता है। पिछले 20 वर्षो में चाय का वार्षिक उत्पादन लगभग 75 लाख किलो तक पहुँच गया है। बिहार क्षेत्र के अनुसार पूरे भारत में पाँचवें स्थान पर है। साथ ही बिहार चाय उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों से बराबरी करने की क्षमता रखता है। जबकि बिहार में उगाये जाने वाली चाय को भी अब तक कोई विशेष पहचान नहीं मिल पाई है।इसके अतिरिक्त बिहार में चाय के उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य में चाय के क्षेत्र विस्तार के लिए भी कृषि विभाग, बिहार सरकार ने कदम उठायें हैं। विशेष उद्यानिक उत्पाद योजना के अन्तर्गत चाय की खेती का विस्तार नये क्षेत्र में करने पर तय किये गये लागत की राशि का 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। अनुदान राशि दो भागो में दी जाती है, प्रथम वर्ष में 75 प्रतिशत और शेष 25 प्रतिशत पौधा रोपन के दूसरे वर्ष में दिया जाता है।
बिहार में किसानों के आय को दोगुना करने के लिए नगदी फसलों के उत्पादन पर बढ़ते ध्यान के साथ बिहार सरकार के कृषि विभाग अन्तर्गत उद्यान निदेशालय में बिहार में उत्पादित चाय को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है। उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग द्वारा संचालित बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति (बी॰ए॰आई॰पी॰पी॰) के अन्तर्गत चाय सहित सात फसलों के लिए एक सक्षम वातावरण तैयार कर बिहार में कृषि प्रसंस्करण व्यवसाय के क्षेत्र को प्रोत्साहन एवं बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। इस नीति अन्तर्गत सात चिह्नित फसल यथा- चाय, मखाना, शहद, फसल एवं सब्जी, मखाना, बीज तथा औषधीय एवं सुगंधित पौधे के प्रसंस्करण, भण्डारण, मूल्यवर्धन एवं निर्यात में वृद्धि हेतु सहयोग करता है, जिससे किसानों को उचित आय प्राप्त करने तथा अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिल रही है