दिल्ली AIIMS में 5000 नर्सें हड़ताल पर, 170 नर्स आउटसोर्स करने का प्रशासन ने लिया फैसला
देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली स्थित AIIMS में सोमवार दोपहर बाद से 5000 नर्सें हड़ताल पर चली गई हैं|हड़ताली नर्सों में महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं| इससे अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई हैं| कोरोना काल में नर्सों के हड़ताल ने परेशानी और बढ़ा दी है| मरीज परेशान हो रहे हैं और कई वार्ड में मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं है| हालांकि अभी ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड में ज्यादा असर नहीं पड़ा है, लेकिन इसका असर दिखना शुरू हो गया है|
यूं तो नर्सों की मांगों की लिस्ट लंबी है, लेकिन उनकी मुख्य मांगों में 6ठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करना है| इस विसंगति के दूर होने से नर्सों का वेतन बढ़ेगा| संविदा पर नर्सों की बहाली को रोकना, नर्सों के लिए आवास की व्यवस्था रोके जाने का मुद्दा भी शामिल है|
दूर हो छठे वेतन आयोग की विसंगति
हड़ताली नर्सों की मुख्य मांग 6ठे वेतन आयोग की वसंगतियों को दूर कर फिर वेतन गणना करना है| इससे उनके वेतन में अच्छा खासा इजाफा होगा| लेकिन एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नर्स संघों ने 23 मांगें रखी थीं और एम्स प्रशासन और सरकार ने उनमें से लगभग सभी मांगें मान ली हैं| उन्होंने कहा कि एक मांग मूल रूप से छठे वेतन आयोग के मुताबिक शुरुआती वेतन तय करने की विसंगति से जुड़ी हुई है|