8 भारतीय महिला खिलाड़ी , जिन्होंने अपने दम पर दिलाई खेल को पहचान
आज लोगों की रूचि महिला खेलों की तरफ भी बढ़ने लगी है. लोग देश की महिला खिलाड़ी और उनके खेल के बारे में जानना चाहते हैं. उनकी हार और जीत में उनके साथ खड़े हो रहे हैं. उनका हौंसला बढ़ा रहे हैं. खेल कोई भी हो, खेल प्रेमी उनका उत्साह बढ़ा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज बात करेंगे उन 8 महिला खिलाड़ियों की, जिन्होंने अपने दम पर अपने खेल को देशभर में पहचान दिलाई.
24 नवंबर 1982 को मणिपुर में जन्मीं एमसी मैरीकॉम छह बार वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली दुनिया की पहली महिला मुक्केबाज है. वह शुरुआती सभी 7 वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली भी एकमात्र महिला मुक्केबाज है. लाइट फ्लाइवेट में दुनिया की नंबर एक महिला मुक्केबाज रह चुकी मैरीकॉम ने 2012 लंदन ओलिंपिक में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था
मिताजी राज: देश में महिला क्रिकेट को एक नई दिशा दिखाने वाली मिताली राज वनडे क्रिकेट में 6 हजार से अधिक रन बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर हैं. 3 दिसंबर 1982 को राजस्थान में जन्मीं मिताली इंटरनेशनल क्रिकेट में 20 साल पूरे करने वाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर हैं.
पीवी सिंधु: पीवी सिंधु ने सायना नेहवाल के बाद भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया. सिंधु ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला है. वहीं बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय हैं.
विनेश फोगाट: हाल में ही 53 किग्रा वर्ग में दुनिया की नंबर एक महिला पहलवान बनीं विनेश फोगाट कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स दोनों में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं.
बछेन्द्री पाल: विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली देश की पहली महिला पर्वतारोही बेछेंद्री पाल (Bachendri Pal) अब मई से शुरू होने वाले पांच महीने के लंबे हिमालय पर्वतारोहण अभियान में 50 साल से अधिक उम्र की 10 महिलाओं के दल का नेतृत्व करने की तैयारी कर रही है
दीपा करमाकर: भारतीय महिला जिम्नास्टिक्स को दुनियाभर में पहचान दिलाने का पूरा श्रेय 9 अगस्त 1993 को त्रिपुरा में जन्मीं दीपा करमाकर को जाता है. दीपा कॉमनवेल्स गेम्स में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट है. वह इतिहास की ऐसी पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट है, जिसने ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया. वह ऐसा करने वाले 52 सालों में पहली भारतीय जिम्नास्ट भी बनी थी. वह काफी करीबी अंतर से ब्रॉन्ज मेडल से चूक गई थी.
सानिया मिर्जा: भारत में महिला टेनिस को बढ़ावा देने का श्रेय सानिया मिर्जा को जाता है. 34 साल की सानिया के नाम 6 ग्रैंड स्लैम खिताब है. वह डब्ल्स में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी भी रह चुकी हैं. उन्होंने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्स गेम्स और अफ्रो एशियन गेम्स तीनों को मिलाकर 6 गोल्ड सहित कुल 14 मेडल जीते.
मनिका बत्रा: मनिका बत्रा भारत की शीर्ष रैंक वाली महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं. 24 साल की मनिका ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में सिंगल का गोल्ड अपने नाम किया था और वो ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं थी.