जानिये देवउठनी एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त, कथा, पूजा विधि और महत्‍व

 जानिये देवउठनी एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त, कथा, पूजा विधि और महत्‍व

पुरुषोत्तम मास के बाद कार्तिक महीने शुरू हो गया है। इस पावन महीने में त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। इसी

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माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु चार माह के लिए सो जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जगते हैं। चार माह की इस अवधि को चतुर्मास कहते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन चतुर्मास का अंत हो जाता है और शादी-विवाह के काज शुरू हो जाते हैं। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत बड़ा महत्व है। हिंदी चंद्र पंचांग के अनुसार पूरे वर्ष में चौबीस एकादशी पड़ती हैं। लेकिन यदि किसी वर्ष में मलमास आता है, तो उनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। इनमें से एक देव उथानी एकादशी है। देवउठनी एकादशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को होती है। कहा जाता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव-शयन हो जाता है और फिर कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन, चातुर्मास का समापन होता है, देव चौदस त्योहार शुरू होता है। इस एकादशी को देवउठनी कहा जाता है।

Dev Uthani Ekadashi 2020 dev uthani ekadashi shubh mahurat significance and  pujan vidhi tulsi vivah - Dev Uthani Ekadashi 2020: कल है देवोत्थान एकादशी  और तुलसी विवाह, जानें शुभ मुहुर्त, पूजा विधि ...

शास्त्रोक्त मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने वालों के पितृ मोक्ष को प्राप्त कर स्वर्ग में चले जाते हैं। एकादशी का व्रत करने वालों के पितृपक्ष के दस पुरुष, मातृपक्ष के दस पुरुष और दूसरे पितृजन बैकुण्ठवासी होते हैं। एकादशी का व्रत यश, कीर्ति , वैभव, धन, संपत्ति और संतान को उन्नति देने वाला है। यहां पढ़ें कि इस वर्ष देवउठनी एकादशी कब मनाई जाएगी। साथ ही देवउठनी एकादशी की पूजा कैसे करें।

देवउठनी एकादशी 2020 का शुभ समय:

ग्रेगोरियन चंद्र कैलेंडर के अनुसार, देवउठनी एकादशी बुधवार, 25 नवंबर को पड़ रही है।

एकादशी तिथि शुरू होती है: 25 नवंबर, 2020 दोपहर 02:42 बजे से

एकादशी तिथि समाप्त: 26 नवंबर, 2020 को शाम 05:10 बजे तक

कैसे करें एकादशी की पूजा:

Ekadashi vrat katha| Devutthana Ekadashi: Dev Uthani Gyaras katha and vrat  vidhi

-इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन को विष्णु को जगाने के लिए कहा जाता है।

-इस दिन, भक्त सुबह जल्दी उठते हैं, नए या साफ कपड़े पहनते हैं। फिर, भगवान विष्णु का व्रत मनाया जाता है।

-जब घर के आंगन में विष्णु के पैर बनाए जाते हैं। लेकिन अगर आँगन में धूप है, तो कदम ढँक जाते हैं। के चरणों का आकार बनाएं। लेकिन चरणों को धूप में रखें।

-जब ओखली में गेरू से पेंटिंग बनाई जाती है और आटा को फल, मिठाई, अनुभवी फल और गन्ना लगाकर कवर

Dev Uthani Ekadashi With These Shubh Yog Know Importance Of Dev Pravodhani  2020 : Dev Uthani Ekadashi With These Shubh Yog Know Importance Of Dev  Pravodhani 2020 | बेहद शुभ संयोग इस

किया जाता है।

-दीपों को रात में घर के बाहर जलाया जाता है और इसकी पूजा की जाती है।

-रात में विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही साथ अन्य देवताओं की भी पूजा की जाती है।

-सुभाषी स्तोत्र का पाठ, भागवत कथा और पुराणादि का पाठ पूजा के दौरान किया जाता है। इसके साथ भजन भी गाए जाते हैं।

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