महाराष्ट्र में मैंग्रोव सफारी के माध्यम से दिया जा रहा है प्राकृतिक पर्यटन को बढ़ावा
महाराष्ट्र का एक महिला स्वयं सहायता समूह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर कस्बे वेंगुरले में ‘मैंग्रोव सफारी’ को लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि इस कस्बे को पर्यावरण पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सके। सिंधुदुर्ग जिले में महाराष्ट्र के दक्षिणी छोर पर स्थित पहाड़ी शहर वेंगुरले, गोवा से सिर्फ 18 किमी की दूरी पर है, लेकिन लोगों के बीच में इसे वह पहचान नहीं मिल पायी थी।
स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ‘स्वामीनी’ का प्रबंधन करने वाली पूर्व पार्षद श्वेता हुले, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से मैंग्रोव सफारी चला रही हैं जिसे खासकर मछुआरा महिलाएं चलाती हैं। वेंगुरले ने पीटीआई-भाषा को बताया,“सिंधुदुर्ग के मालवान से अलग वेंगुरले एक सूदूर, दुर्लभ और शांत स्थान है जैसा आजकल पर्यटक पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, “पर्यटन केवल पांच-सितारा होटल बनाना नहीं है। लोग प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं और पर्यटन का विकास भी इस तरह ही होना चाहिए। मुझे आशा है कि भविष्य में वेंगुरले पर्यटन के क्षेत्र में विकसित हो जाएगा।”
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