किसान आंदोलन पर कनाडा की चिंता का जवाब भारत ने कुछ यूं दिया, कहा- घरेलू मामलों में बोलने की जरूरत नहीं
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन पर कनाडा के पीएम की ओर से चिंता जाहिर किए जाने पर भारत ने जवाब देते हुए नसीहत दी है कि राजनीतिक फायदे के लिए किसी लोकतांत्रिक देश के घरेलू मुद्दे पर ना बोलें तो ही बेहतर है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे नाजायज और नासमझी भरा बताया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ”भारत में किसानों के बारे में हमने कनाडा के कुछ नेताओं के कुछ नासमझी भरे बयान देखे हैं। ये नाजायज हैं, खासकर तब जब एक लोकतांत्रिक देश के अंदरुनी मामलों से जुड़ा हो। सबसे अच्छा यह है कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कटूनीतिक संवाद को तोड़ा-मरोड़ा ना जाए।”
बातचीत के दौरान अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, ट्रूडो ने कहा, ”अगर मैं किसानों द्वारा विरोध के बारे में भारत से आने वाली खबरों की बात करूं स्थिति गंभीर है और हमें चिंता है।
” ट्रूडो ने कहा “आपको याद दिला दूं, शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा। हम बातचीत के महत्व पर विश्वास करते हैं और इसीलिए हम अपनी चिंताओं को उजागर करने के लिए सीधे भारतीय अधिकारियों के पास कई माध्यमों से पहुंच गए हैं।” जानकारों का मानना है कि टिप्पणियां कनाडा के प्रभावशाली भारतीय मूल के प्रवासी लोगों को ध्यान में रखकर की गई है।
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