आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को कैबिनेट ने दी मंजूरी, 22810 करोड़ रुपये होंगे खर्च
देश में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था| बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दे दी है|
इससे कर्मचारी और रोजगार देने वाले दोनों को ही प्रोत्साहन मिलेगा| इस स्कीम को 1 अक्टूबर 2020 को लागू माना जाएगा और यह योजना 30 जून 2021 तक रहेगी| इसके लिए सरकार 22,810 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगी|
श्रम राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी| उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना शुरू की गई है|
योजना के तहत अगर ईपीएफओ-रजिस्टर्ड प्रतिष्ठान ऐसे नए कर्मचारियों को लेते हैं जो पहले पीएफ के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे या जो नौकरी खो चुके हैं, तो यह योजना उनके कर्मचारियों को लाभ देगी|
योजना की प्रमुख बातें
- इस योजना के तहत लाभार्थी नए कर्मचारी होंगे
- 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पर ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठान में रोजगार पाने वाला कोई भी नया कर्मचारी
- 15,000 रुपये से कम का मासिक वेतन पाने वाले ईपीएफ सदस्य जिन्होंने 01.03.2020 से 30.09.2020 तक कोविड महामारी के दौरान रोजगार गंवाया और 01.10.2020 से या उसके बाद कार्यरत है
योजना के तहत नई नियुक्तियां करने वाले एंप्लॉयर्स को सब्सिडी दी जाएगी| सब्सिडी इंप्लॉइज और इंप्लॉयर्स द्वारा दो साल के लिए किए गए भविष्य निधि योगदान यानी पीएफ को कवर करने के लिए होगी|