सर्वेक्षण रिपोर्ट में चौकाने वाली बात आई सामने, 25000 रुपये से कम कमाने वाले 56.8 प्रतिशत लोगों के पास नहीं है अपना मकान
देश में शहरी क्षेत्रों में मकानों की कमी 2018 में 54 फीसद बढ़कर 2.9 करोड़ पहुंच गई, जो 2012 में 1.878 करोड़ थी। एक शोध पत्र में यह कहा गया है। इसके बावजूद ईडब्ल्यूएस-2 यानी गैर-बीपीएल श्रेणी, जहां मासिक आय 25,000 रुपये या उससे कम है, 56.8 फीसद की कमी है।
‘भारत के निम्न आय वाले शहरी परिवार: मांग परिदृश्य शीर्षक से जारी इक्रियर की रिपोर्ट के अनुसार मकान का ‘फ्लोर एरिया (जितने जगह में मकान बना है) 2018 में घटकर प्रति व्यक्ति के हिसाब से 86 वर्ग फुट पर आ गया, जो 2012 में 111 वर्ग फुट था। इसका कारण परिवार में सदस्यों की संख्या का धीरे-धीरे बढ़ना है। यह घरों में रह रहे अधिक लोगों और भीड़-भाड़ की समस्या के समाधान की तत्काल जरूरत को रेखांकित करता है।
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