||एक रमता जोगी आओ री ||
एक रमता जोगी आओ री
वो राम मिलन से पीर रह जाने
और घट घाट आप समायो जी
एक रमता जोगी आओ री
एक रमता जोगी आओ री
ना कोई डमरू , ना त्रिशूला ,
ना ही तिलक लगाया
तन पर भबुती नही लगाई
ना ही अलख जगाया
कुछ मांगन नाही , देवन आओ जी
एक चिमटा झोला उठायो री
एक रमता जोगी आओ री
एक रमता जोगी आओ री
खेल न्यारे साई जी
शिर्डी में दिखलाए
कडवे नीम को मीठा किया
पानी से दीये जलाये
वो ब्रहम ज्ञान सबको करवायो जी २
और आप वो शिव कहलाओ जी
एक रमता जोगी आओ री
नर सेवा नारायण सेवा
और धर्म नही कोई दूजा
मोक्ष को पाना तो
अपने शरीर की पूजा
गागर में सागर भर लाओ जी
कानू का मान बढाओ जी
एक रमता जोगी आओ री
वो राम मिलन से पीर रह जाने
और घट घाट आप समायो जी||