कैंसर को दोबारा पनपने से रोकने के लिए फल-सब्जियां खाएं
कैंसर से घबराएं नहीं। पूरा इलाज कराएं। इलाज के साथ कैंसर रोगी खान-पान व जीवनशैली में भी तब्दीली लाएं। खाने में मौसमी फल और सब्जियों का सेवन बढ़ा दें। नियमित कसरत करें। इससे शरीर में कैंसर के दोबारा पनपने का खतरा कम होगा। यह सलाह केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने दी।
केजीएमयू ओपीडी में रेडियोथेरेपी विभाग की ओर से कार्यक्रम हुआ। कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि कैंसर के 80 प्रतिशत मरीज अस्पताल देरी में आते हैं। शुरुआती अवस्था में कैंसर का सटीक इलाज मुमकिन है। उन्होंने कहा कि मुंह, पेट व फैफड़े का कैंसर से पीड़ित उचित समय पर पता चल जाए तो सटीक इलाज संभव है। कैंसर मरीज नियमित व्यायाम करें। फल-सब्जियां को नियमित भोजन में शामिल करें। फल व सब्जियों में पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट होता है। जो कैंसर मरीजों की सेहत के लिए फायदेमंद है। मरीज तनाव से दूर रहें।
साल में एक बार कराएं जांच
सर्जिकल आंकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरूण चतुर्वेदी व रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह ने स्तन कैंसर के 5 प्रतिशत मरीज अनुवांशिकी होते हैं। 95 फीसदी मरीजों को कैंसर होने का कोई निश्चित कारण ज्ञात नहीं है। 60 फीसदी स्तन कैंसर के मरीज अंतिम अवस्था में आते हैं। उस समय उनके इलाज की प्रक्रिया और जटिल हो जाती है। यदि मरीज सही समय पर अपनी जांच करा लें तो इसका उपचार 15 दिन में संभव है। अंतिम अवस्था के कैंसर का इलाज लगभग 7 से 9 महीने का समय लगता है। 40 साल की उम्र पार करने वाली महिलाएं हर साल मैमोग्राफी की जांच कराएं। स्तन में गांठ, निप्पल अंदर की तरफ धंसना या खून खाने पर संजीदा हो जाएं। डॉ. सुधीर के मुताबिक इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग के छात्र-छात्राओं ने पोस्टर, होर्डिंग्स एवं नुक्कड़ नाटक कर लोगों को जागरुक किया। लोगों ने कैंसर से जुड़े सवाल भी पूछे।
साफ-सफाई रखें मरीज
डॉ. अरवीन वोहरा ने कहा कि कैंसर मरीज अपने आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखें। नियमित दिनचर्या एवं खानपान का ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि गर्भाशय कैंसर के लिए अब टीकाकरण की सुविधा भी उपलब्ध है जो कि बेहद सरल एवं लाभकारी है। महिलाएं व्यक्तिगत साफ-सफाई पर ध्यान दें। इससे काफी हद तक गर्भाशय कैंसर से खुद को बचा सकती हैं।