सबसे लंबे बजट भाषण… इस बार सीतारमण ने नहीं तोड़ा अपना रिकॉर्ड
ऐतिहासिक बजट पेश किए जाने के दावों के बीच खास बात यह रही कि भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार अपना एक रिकॉर्ड नहीं तोड़ा. सोमवार को 2021-22 के बजट भाषण की लंबाई करीब एक घंटा 40 मिनट की रही, जिसे पिछले कुछ बजट भाषणों की तुलना में छोटा भाषण माना जा सकता है. पिछले दो सालों में लगातार सीतारमण सबसे लंबे बजट भाषणों का रिकॉर्ड बनाती रहीं, लेकिन इस बार वो 2020 के बजट भाषण के रिकॉर्ड से काफी कम बोलीं. सबसे लंबे बजट भाषणों की दास्तान बेहद दिलचस्प है.
साल 2020 में सीतारमण ने 2 घंटे 40 मिनट संसद में बोलकर सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड बनाया था. यह भी फैक्ट है कि इस भाषण के बाद भी बजट के दो पन्ने छूट गए थे. इस बजट भाषण के बाद सीतारमण बहुत थक गई थीं और उन्होंने स्पीकर से अनुरोध किया था कि बाकी दो पन्नों को भी पढ़ा हुआ मान लिया जाए. पूरा नहीं पढ़ा गया यह भाषण भारत के सबसे लंबे बजट भाषणों की लिस्ट में टॉप पर है.
2020 के बजट भाषण से पहले, अपने पहले बजट भाषण यानी 2019 में ही यह रिकॉर्ड सीतारमण के नाम हो गया था, जब उन्होंने 2 घंटे 17 मिनट लंबा भाषण दिया था. इससे पहले संसद के इतिहास में सबसे लंबा बजट भाषण जसवंत सिंह ने साल 2003 में दिया था, जब उन्होंने पूरा बजट 2 घंटे 15 मिनट में पढ़कर सुनाया था. इस बार महामारी के चलते बजट को पारंपरिक ब्रीफकेस या बही खाता से मुक्त करते हुए पेपरलेस किया गया इसलिए सीतारमण ने बजट टैबलेट देखकर पढ़ा, जिसकी लंबाई उनके पिछले रिकॉर्ड से कम रही. सबसे लंबे भाषणों की लिस्ट के बारे में जानिए.
सिर्फ सीतारमण ही ऐसी वित्त मंत्री नहीं हैं, जिन्होंने दो घंटे से ज़्यादा लंबा भाषण दिया हो. जसवंत सिंह का ज़िक्र हो चुका है और अरुण जेटली भी इस लिस्ट में हैं. लगातार दो घंटे और 10 मिनट लंबा भाषण अरुण जेटली ने 2014 में दिया था, जो उस वक्त पिछले कुछ सालों में सबसे लंबा बजट भाषण बन गया था. इसके अलावा जेटली ने 2017 में 1 घंटे 50 मिनट और 2018 में 1 घंटे 49 मिनट तक बजट पढ़ा था. यह तो हुई मिनटों में भाषण की लंबाई की बात, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शब्दों के हिसाब से सबसे लंबे बजट कौन से रहे हैं?
दिलचस्प बात यह है कि सबसे ज़्यादा शब्दों वाले बजट भाषण का रिकॉर्ड डॉ. मनमोहन सिंह के नाम है. सबसे ज़्यादा समय में बजट भाषण पढ़ने के रिकॉर्ड में सीतारमण ने 13,275 शब्दों का वाचन किया था, जबकि 1991 में सिंह ने जो बजट भाषण पढ़ा था, उसमें 18,650 शब्द थे. इस तरह से लिस्ट बनाई जाए, तो यहां भी जेटली का नाम प्रमुखता से आता है. 2018 के बजट भाषण में जेटली ने 18,604 शब्दों का वाचन किया था.
शब्दों के वाचन के हिसाब से तो जेटली दूसरे नंबर पर रहे ही, बजट में पैराग्राफ के मामले में भी. जेटली ने 2014 में जो बजट पढ़ा था, उसमें 253 पैराग्राफ थे, जबकि जेटली के सभी बजट भाषणों से औसत निकाला जाए तो 185 पैराग्राफ तो रहे ही. प्रणब मुखर्जी के बजट भाषणों में पैराग्राफ का औसत 202 रहा. वहीं, पी चिदंबरम ने जितने बजट भाषण दिए, उनमें औसतन 173 पैराग्राफ रहे.
पैराग्राफ के औसत के हिसाब से
पैराग्राफ के औसत के हिसाब से सबसे लंबे बजट भाषण देने वाले वित्त मंत्रियों के नाम इस तरह रहे : यशवंत सिन्हा (170 पैराग्राफ), मनमोहन सिंह (133), आर वेंकटरमन (132), हरिभाई एम पटेल (117), यशवंतराव बी चव्हाण (88), टीटी कृष्णमचारी (78), मोरारजी देसाई (77). दूसरी तरफ, हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने 1977 में जो बजट पढ़ा था, वो सिर्फ 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट माना जाता है. हालांकि यह अंतरिम बजट था | आखिर में यह फैक्ट भी जानिए कि देश का पहला बजट सिर्फ 39 पैराग्राफ का था, जिसे आरके शनमुखम चेट्टी ने पढ़ा था.