कश्मीर पर अमेरिका का सच सुनकर पाकिस्तान को लगी मिर्ची, बाइडेन प्रशासन को कुरैशी लगे भड़काने
भारत को लेकर अमेरिका ने वही सच बोला, जिसे दुनिया भी जानती है। मगर आतंक का आका पाकिस्तान है कि मानने को तैयार ही नहीं है। अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन ने अपने एक ट्वीट में कश्मीर को भारत का बताया, यह सुनते ही पाकिस्तान ऐसा भड़का कि वह दुनिया से मदद की गुहार लगाने लगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि बाइडेन प्रशासन को कश्मीर में जमीनी हकीकत को अनदेखा नहीं करना चाहिए। साथ ही उन्होंने देर होने से पहले दुनिया को कश्मीर में शांति समझौतों के लिए मदद की गुहार लगाई।
दरअसल, 10 फरवरी को अमेरिका के विदेश मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उसने कहा था कि भारत के जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट सुविधा बहाल होने का हम स्वागत करते हैं। यह स्थानीय निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और हम जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राजनीतिक एवं आर्थिक प्रगति जारी रखने को लेकर आशावान हैं।
इस ट्वीट में अमेरिका ने वही लिखा, जो दुनिया के सामने सच है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस ट्वीट में भी अमेरिका ने कश्मीर को भारत का ही हिस्सा बताया है। बस इसी एक ट्वीट की वजह से पाकिस्तान को मिर्ची लग गई और विदेश मंत्री कुरैशी कश्मीर के नाम की दुहाई देने लगे। उन्होंने विश्व समुदाय से कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने में मदद करने का आग्रह किया, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रदर्शनी के दौरान शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि बाइडेन प्रशासन, जिसने हमेशा मौलिक मानवाधिकारों की बात की है, कश्मीर में जमीनी हकीकतों की अनदेखी नहीं करेगा। वहीं, इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के दर्जे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनेक प्रस्तावों में तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा विवादित माना गया है, ऐसे में यह जिक्र असंगत है।’
हालांकि, पाकिस्तान की आपत्ति के बाद बाइडन प्रशासन की ओर से कहा गया कि उसकी जम्मू-कश्मीर संबंधी नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बाद में मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कश्मीर में अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है और अमेरिका अब भी कश्मीर को विवादित क्षेत्र के तौर पर मानता है। बता दें कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसने हाल ही में राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा है।
बता दें कि समूचे जम्मू-कश्मीर में पांच फरवरी को 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई थी। ठीक डेढ़ साल पहले अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाकर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था, जिसके बाद 4जी इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।