बिहार: सहकारिता विभाग का बयान- कृषि विभाग से रजिस्टर्ड किसान ही 21 फरवरी तक बेच सकेंगे धान
सहकारिता और खाद्य उपभोगता संरक्षण विभाग (Department Of Cooperatives And Food Consumption Protection) ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press conference) की है. यह संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस धान अधिप्राप्ति को लेकर की गई है. सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी ने कहा कि धान अधिप्राप्ति का काम नवंबर से शुरू किया गया था. पहले किसानों का निबंधन किया जाता था, लेकिन इस बार निबंधन की प्रक्रिया समाप्त की गई है. किसान सलाहकार से धान अधिप्राप्ति (Paddy Procurement) के लिए मदद ली गयी है. उन्होंने कहा कि धान अधिप्राप्ति के लिए किसानों की संख्या में बृद्धि हुई है. 21 फरवरी तक जो भी किसान आएंगे उनके धान की अधिप्राप्ति की जाएगी.
इसके लिए समय सीमा घटाई गयी है
वहीं, खाद्य उपभोगता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने कहा कि धान अधिप्राप्ति तेज गति से हुई है. आज शाम तक 30 लाख मेट्रिक टन से अधिक धान की अधिप्राप्ति की जा चुकी है. किसानों का भुगतान 24 घंटे के अंदर किया जा रहा है, जो किसान आएंगे उनके धान जरूर लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि गड़बड़ी न हो इसके लिए समय सीमा घटाई गयी है.
28 जनवरी को रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया था
वहीं, विनय कुमार ने कहा कि किसानों की धान MSP पर बिके इसके लिए सरकार ने यह व्यवस्था की है. सरकार अब FCI से चावल नहीं खरीद रही है. हमलोग अपने किसान से लिये गए धान का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब कोई किसान नहीं बचा है जो अपना धान बेचना चाहता हो. बड़े विचौलियों और दलालों की चांदी न हो इसके लिए समय से पहले सहकारिता विभाग की वेसाइट को बंद किया गया. उन्होंने कहा कि सहकारिता विभगा ने घर-घर जा कर किसानों की राय ली है.अब धानाधिप्राप्ति की थिति नहीं बढ़ेगी. 21 फवारी तक अंतिम समय है. 28 जनवरी को रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया था.