जानें कब है फाल्गुन अमावस्या, इस दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

 जानें कब है फाल्गुन अमावस्या, इस दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय
Paush Purnima: Worship with this method, know importance | पौष पूर्णिमा: आज  स्‍नान व दान का है अत्यधिक महत्‍व, जानें पूजा की विधि - दैनिक भास्कर हिंदी

फाल्गुन माह के अमावस्या तिथि को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं. फाल्गुन अमावस्या के दिन दान, स्नान व तप का विशेष महत्व होता है. अमावस्या को पितरों की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध भी किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने और पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है. इस साल फाल्गुन अमावस्या 13 मार्च (शनिवार) को है. माना जाता है कि फाल्गुन अमावस्या पर देवताओं का निवास संगम तट पर होता है. इस दिन प्रयाग संगम पर स्नान का भी बहुत महत्व होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब फाल्गुन अमावस्या सोमवार, मंगलवार, गुरुवार या शनिवार को होती है तो लोगों के जीवन पर इसका असर सूर्य ग्रहण से भी ज्यादा सकारात्मक होता है.

फाल्गुन अमावस्या शुभ मुहूर्त
12 मार्च (शुक्रवार) को दोपहर 3 बजकर 4 मिनट से अमावस्या आरम्भ.
13 मार्च 13 (शनिवार) को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर अमावस्या समाप्त.

फाल्गुन अमावस्या के दिन सूर्य देव को करें प्रसन्न
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को कुंडली में लग्न और आरोग्यता का कारक माना जाता है. अमावस्या के दिन सूर्य देव की पूजा करके बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं. फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह सूर्य चालीसा का पाठ करें. भगवान सूर्य के 12 नामों का जाप सुबह के समय घी का दीपक जलाकर करें. इस दिन लाल मीठी चीजों का दान करना शुभ माना जाता है.

भगवान सूर्य की पूजा का महत्व

Falgun Amavasya 2020 : फाल्गुन अमावस्या कब है, इस दिन क्या करें क्या ना करें  | Boldsky - video Dailymotion


सूर्यदेव की साधना-आराधना का अक्षय फल मिलता है. सच्चे मन से की गई साधना से प्रसन्न होकर सूर्यदेव अपने भक्तों को सुख-समृद्धि और अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को नवग्रहों में प्रथम ग्रह और पिता के भाव कर्म का स्वामी माना गया है. जीवन से जुड़े तमाम दुखों और रोगों को दूर करने के साथ-साथ जिन्हें संतान नहीं होती उन्हें सूर्य साधना से लाभ मिलता है. पिता-पुत्र के संबंधों में विशेष लाभ के लिए सूर्य साधना पुत्र को करनी चाहिए

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