111 साल बाद अंगारक योग में शिवरात्रि, मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो 10 आसान स्टेप्स में घर पर ही ऐसे करें शिव पूजा

 111 साल बाद अंगारक योग में शिवरात्रि, मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो 10 आसान स्टेप्स में घर पर ही ऐसे करें शिव पूजा

गुरुवार, 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर अंगारक योग बना हुआ है। वृषभ राशि में मंगल और राहु एक साथ स्थित हैं। जब ये दो ग्रह एक ही राशि में स्थित होते हैं, तब अंगारक योग बनता है। 2021 से 111 साल पहले 1910 में 9 मार्च को अंगारक योग के साथ शिवरात्रि मनाई गई थी। इस बार शिवरात्रि पर धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। इसका स्वामी मंगल ग्रह है।

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उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार गुरुवार को ही बुध और चंद्र ग्रह का राशि परिवर्तन भी हो रहा है। अंगारक योग में शिवरात्रि होने से भूमि के बढ़ते दाम कम होने की संभावनाएं हैं। देश की जनता पर ऋण का भार भी कम होगा। खासतौर पर वृषभ राशि के लोगों को विशेष लाभ हो सकता है। मंगल-राहु की जोड़ी वृष राशि में है और इस राशि पर गुरु की दृष्टि भी है। इस कारण प्राकृतिक आपदाओं में कमी आने के योग हैं। बाजार सामान्य रहेगा। किराना और मसाला व्यापार में तेजी आएगी।

शिवरात्रि पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

> सुबह 6 बजे से 7.30 बजे तक

> सुबह 10.30 बजे से दोपहर 3 बजे तक

> शाम 4.30 बजे से रात 9 बजे तक

शिवरात्रि पर रात के चार प्रहर में शिव पूजा करने का महत्व काफी अधिक है। शाम 6 से 9 तक पहला प्रहर, रात 9 से 12 बजे तक दूसरा प्रहर, रात 12 से 3 बजे तक तीसरा प्रहर और रात 3 से अगले दिन की सुबह 6 बजे तक चौथा प्रहर। शिवपुराण के अनुसार जो शिवरात्रि की रात इन चार प्रहरों में शिव पूजा कर लेते हैं, उन्हें वर्षभर इस पूजा का पुण्य फल मिलता है।

10 सरल स्टेप्स में कर सकते हैं शिव पूजा

1. शिवरात्रि पर स्नान के बाद घर के मंदिर में या किसी अन्य मंदिर में शिव पूजा करने का और व्रत करने संकल्प लें।

2. दिन भर व्रत रखें और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। जो लोग दिनभर निराहार नहीं रह सकते हैं, दूध, फल और फलों के रस का सेवन कर सकते हैं।

3. शाम को सूर्यास्त से पहले फिर से स्नान करें। किसी मंदिर में या घर पर ही शिवलिंग की पूजा की व्यवस्था करें। सबसे पहले श्री गणेश का ध्यान करें और पूजा की शुरुआत करें।

4. पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखेंगे तो बहुत अच्छा रहेगा।

5. पूजा में शुद्ध जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं और शिवलिंग का अभिषेक करें।

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6. दूध, दही, घी, शहद और शकर मिलाकर इस पंचामृत बनाएं और पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।

7. पंचामृत के बाद साफ जल से अभिषेक करें। इसके बाद शिवलिंग पर चंदन, फूल, बिल्वपत्र, धतूरा, सुगंधित सामग्री और मौसमी फल चढ़ाएं। साथ ही गणेशजी और देवी पार्वती की भी पूजा जरूर करें। इन्हें भी वस्त्र, फूल और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं।

8. देवी-देवताओं के सामने धूप-दीप जलाएं। मिठाई का भोग लगाएं।

9. ऊँ गं गणपतयै नम:, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ गौर्ये नम: मंत्र का जाप करें।

10. कर्पूर जलाकर आरती करें। इसके बाद भगवान से पूजा में हुई जानी-अनजानी भूल के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को दें और स्वयं भी ग्रहण करें।

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मेष राशि – भाग्य का साथ मिलेगा। पिता के सहयोग से कोई बड़ी सफलता मिल सकती है। काम ज्यादा रहेगा। शत्रुओं को पराजित कर पाएंगे।

क्या करें – शिवरात्रि पर कच्चा दूध और दही से शिवलिंग को स्नान कराएं। धतूरा चढ़ाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें।

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वृष राशि – इन लोगों को समय अभाव रहेगा। सोचे हुए काम आसानी से पूरे नहीं होंगे। परिवार की मदद लेनी पड़ सकती है। सतर्क रहकर काम करें।

क्या करें- शिवलिंग का अभिषेक गन्ने के रस से करें। शिवजी को मोगरे का इत्र अर्पित करें। भोग लगाएं और आरती करें।

मिथुन राशि – खुशियां मिलेंगी। बड़ी सफलता के साथ ही मान-सम्मान मिल सकता है। सोच-समझकर किए गए काम समय पर पूरे होंगे।

क्या करें – शिवरात्रि पर स्फटिक के शिवलिंग की पूजा करें। लाल गुलाल, कुमकुम, चंदन, इत्र से अभिषेक करें। आंकड़े के फूल अर्पण करें। मीठा भोग लगाएं और आरती करें।

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कर्क राशि – समय व्यर्थ कामों में बर्बाद होगा। चिंताएं सताएंगी, लेकिन धैर्य रखें। भविष्य में सब ठीक हो जाएगा। परिवार की मदद से काम पूरे करने होंगे।

क्या करें – शिवरात्रि पर अष्टगंध और चंदन से अभिषेक करें। दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर आरती करें।

सिंह राशि – समय पक्ष का रहेगा। नए लोगों से मुलाकात होगी। किसी से बात करते समय सतर्क रहें। क्रोध से बचें, वरना अंतिम समय पर काम बिगड़ सकता है।

क्या करें – फलों के रस में मिश्री मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। आंकड़े के फूल चढ़ाकर मीठा भोग लगाएं।

कन्या राशि – काम में मन नहीं लग पाएगा। विचारों में नकारात्मकता रहेगी। किसी करीबी व्यक्ति से धोखा मिल सकता है। चिंताएं बढ़ेंगी। अभी धैर्य बनाए रखें। सोच-समझकर काम करते रहें।

क्या करें – बेर, धतूरा, भांग, आंकड़े के फूल चढ़ाएं। बिल्व पत्र पर भोग रखें और भगवान को चढ़ाएं। कर्पूर मिश्रित जल से अभिषेक करें।

तुला राशि – भाइयों से सहयोग मिलेगा और लक्ष्य पूरा हो जाएगा। भाग्य आपके पक्ष में है। बाधाएं खत्म होंगी। संतान से सुख मिलेगा।

क्या करें – पानी में फूल डालें और उस जल से शिवलिंग को स्नान कराएं। बिल्व पत्र, मोगरा, गुलाब, चावल, चंदन समर्पित करें। आरती करें।

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वृश्चिक राशि – काम बहुत ज्यादा रहेगा। इस कारण समय पर लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा। थकान रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। मौसमी बीमारियों का असर हो सकता है।

क्या करें – शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराएं। शहद, घी से स्नान कराने के बाद फिर से जल से स्नान कराएं और आरती करें।

धनु राशि – आय में बढ़ोतरी होने का समय है। सफलता के साथ मान-सम्मान मिलेगा। प्रसिद्धि बढ़ेगी। भाग्य का साथ मिलने से घर-परिवार में सुखद वातावरण रहेगा।

क्या करें – पके हुए चावल से श्रृंगार करें। सूखे मेवे का भोग लगाएं। बिल्व पत्र, गुलाब आदि चढ़ाएं। आरती करें।

मकर राशि – ये समय आपके लिए परीक्षा वाला रहेगा। कई परेशानियां आएंगी, लेकिन अपनी बुद्धिमानी से बाधाओं को दूर कर पाएंगे। भविष्य के लिए बनाई गई योजनाओं पर फिर से विचार करना होगा।

क्या करें – गेंहू से शिवलिंग को ढंककर विधिवत पूजा करें। इसके बाद गेंहू का दान जरूरतमंद लोगों को करें।

कुंभ राशि – आय में बढ़ोतरी के साथ काम में भी बढ़ोतरी हो सकती है। साथियों का सहयोग मिलेगा। क्रोध से बचें। एकाग्रता के साथ काम करेंगे तो सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ेंगी।

क्या करें – सफेद-काले तिलों को मिलाकर किसी ऐसे शिवलिंग पर चढ़ाएं जो एकांत में हो। पूजन करें, आरती करें।

मीन राशि – ये समय मंगलकारी है। घर-परिवार और समाज में सभी आपसे खुश रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन हो सकता है। वेतन में वृद्धि होने के योग हैं।

क्या करें – रात में पीपल के नीचे बैठकर शिवलिंग का पूजन करें। ऊँ नम: शिवाय का 101 बार उच्चारण कर बिल्व पत्र चढ़ाएं और आरती करें।

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