आज है शनिश्चरी अमावस्या, पितरों का ध्यान और तर्णण करना उत्तम
फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि आज है। शनिवार के दिन पड़ने वाली इस अमावस्या को शनिश्चरी या शनि अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितरों का ध्यान और तर्णण किया जाता है। जो लोग शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित हैं, उन्हें भी इस दिन शनि भगवान की उपासना करनी चाहिए। कहते हैं इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान देने से भी उत्तम फल की प्राप्ति होती है। यह अमावस्या कुंभ राशि वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन शनि की राशि कुंभ में चतुर्ग्रही योग बन रहा है. इस दिन सूर्य, चंद्र, बुध, और शुक्र चारों ग्रह एक ही राशि में होंगे|
कब लगेगी अमावस्या तिथि
अमावस्या तिथि आज 12 मार्च को दोपहर 3 बजे से लगेगी और अगले दिन 13 मार्च को दोपहर तीन बजे तक रहेगी। इसलिए 13 मार्च को सूर्योदय की तिथि के कारण अमावस्या का पर्व 13 मार्च को मनाया जाएगा।
सुबह पितरों का तर्पण करने का सबसे अच्छा समय है। इस दिन शनि के मंत्रों का जाप करना भी अच्छा रहता है। कहा जाता है कि इस दिन शनि भगवान की उपासना करनी चाहिए।
फाल्गुन अमावस्या मुहूर्त-
मार्च 12, 2021 को 15:04:32 से अमावस्या आरम्भ
मार्च 13, 2021 को 15:52:49 पर अमावस्या समाप्त