साइबर क्राइम: कोविड से मिलते जुलते फर्जी एप व वेबसाइट बनाकर ठगी
लोगों से ठगी करने के लिए साइबर ठगों ने कोरोना वैक्सीनेशन का सहारा लिया है। साइबर ठगों ने कोविड के मिलते जुलते नामों से फर्जी वेबसाइट, ऐप बनाया है। जिसे डाउनलोड करने पर मोबाइल हैक हो सकता है। कोरोना टीकाकेन्द्रों के अंतर्गत अलग अलग अस्पतालों में आये बुजुर्गो एवं अन्य लोगों ने इस बात का खुलासा किया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत सरकार द्वारा एक मार्च को लंच हुए कोविड 2.0 के मिलते जुलते नाम से एप व फर्जी वेबसाइट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
फर्जी ऐप व वेबसाइट्स पर बहुत से लोगों ने प्री रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। रजिस्ट्रेशन के उपरांत जब कोरोना टीका के लिए टीकाकेंद्र पर आए तो फर्जी वेबसाइट की जानकारी मिली। इस धोखाधड़ी मामले को लेकर शास्त्रीनगर, दानापुर, कोतवाली, पटनासिटी समेत कई थानों में शिकायत दर्ज की गयी है।
स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस के साइबर सेल ने इस धोखाधड़ी मामले में सावधान करने के लिए गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन के अंतर्गत बैंक खाते से पैसा निकालने के लिए साइबर अपराधियों को एक ओटीपी सिर्फ जानना होता है। ऐप डाउनलोड करने पर मोबाइल को साइबर अपराधी हैक कर सकता है। आइजी संजय सिंह ने लोगों को फेक एप, वेबसाइट से सावधान रहने को कहा है।
बुद्धा काॅलोनी एसकेपुरी में जसपाल सूरी को कोरोना टीका के लिए फोन आया तो सूरी ने मां को टीका लगवाने के लिए हामी कर दी। इसके बाद पांच रूपये शुल्क मोबाइल पर रजिस्ट्रेशन के दरम्यान् जमा करने के लिए कहा गया। लिंक पर क्लिक करते ही रूपये जमा करने के लिए सीरियल नंबर एटीएम का मांगा गया। इस दौरान जसपाल सूरी को संदेह हुआ और वे अलर्ट हो गये।
संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।