केन्द्रीय टीम के दौरे से दरभंगा AIIMS के निर्माण की गति तेज होगी, CM नीतीश ने की थी पहल
केन्द्र सरकार की टीम के दौरे के बाद दरभंगा में प्रस्तावित बिहार के दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण की गति अब तेज होने की उम्मीद है। दरभंगा में एम्स का निर्माण दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) के वर्तमान परिसर के समीप ही बनाया जाना है। केंद्रीय टीम एम्स के लिए प्रस्तावित भूखंड का निरीक्षण व तकनीकी समस्याओं के निबटारे को लेकर दो दिवसीय दौरे पर आयी थी। यह टीम रविवार को लौटी।
टीम के दौरे के साथ ही बिहार का दूसरा एम्स दरभंगा में स्थापित किए जाने का सपना आकार लेने लगा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा एम्स की स्थापना को लेकर सबसे पहले प्रयास किया था। मुख्यमंत्री ने दो मार्च, 2019 को पटना में आयोजित स्वास्थ्य मंत्रालय के एक कार्यक्रम में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को राज्य का दूसरा एम्स दरभंगा में बनाने की सलाह दी थी। वर्तमान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से भी उन्होंने दरभंगा एम्स की स्थापना से जुड़े कार्यो में तेजी लाने को लेकर पहल की व राज्य सरकार द्वारा हरसंभव सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया था।
केंद्र सरकार ने दरभंगा एम्स के निर्माण की स्वीकृति दी
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने दरभंगा में एम्स की स्थापना को लेकर अपनी औपचारिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के कार्यकाल के दौरान प्रारंभिक स्वीकृति प्रदान की गयी थी। 24 दिसंबर 2020 को दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने दरभंगा का दौरा किया था।
डीएमसीएच के समीप बनेगा एम्स
जानकारी के अनुसार दरभंगा एम्स का निर्माण दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) के वर्तमान परिसर के समीप ही बनाया जाएगा। प्रस्तावित भूखंड का निरीक्षण के लिए आई टीम के सदस्यों के अनुसार एम्स के निर्माण के पूर्व भूमि का समतल करना होगा, इसके लिए वहां निचले भूखंडों पर मिट्टी की भराई करनी होगी। एम्स के दायरे में आने वाले पुराने भवनों को धवस्त करना होगा।
एम्स के निर्माण के लिए समतल भूमि चाहिए। इसके साथ ही, दो सौ एकड़ में स्थित डीएमसीएच के कुछ विभागों व वहां मौजूद उपकरणों को स्थानांतरित भी करना होगा। सूत्रों के अनुसार, डीएमसीएच के बायोकेमेस्ट्री, फिजियोलॉजी एवं एनाटॉमी विभाग प्रस्तावित एम्स के निर्माण स्थल में आ रहे हैं। साथ ही, इन विभागों के पीछे डॉक्टर्स क्वाटर भी हैं। चरणबद्ध तरीके से होने वाले निर्माण कार्य के दौरान इन्हें दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किए जाने की प्रक्रिया राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
एम्स के लिए 75 एकड़ जमीन का होगा स्थानांतरण
विभागीय सूत्रों के अनुसार एम्स के लिए 75 एकड़ भूमि का स्थानांतरण जल्द किया जाएगा। इसके पूर्व इसके दायरे में आने वाले सरकारी कार्यालयों एवं परिसर को खाली कराया जाएगा। एम्स के लिए 20 मेगावॉट बिजली आपूर्ति की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही, दरभंगा एम्स को फोरलेने से भी जोड़े जाने का प्रस्ताव है। ताकि आसपास के जिलों से मरीजों को एम्स में इलाज के लिए पहुंचने पर कोई असुविधा नही हो।