हिन्दू नववर्ष कब से शुरू हो रहा है? जानें तिथि और नव-संवत्सर का महत्व
हिन्दू नववर्ष यानी कि नव-संवत्सर 2078 की शुरुआत 13 अप्रैल 2021 से होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि के शुरुआत के साथ ही हिन्दू नववर्ष भी प्रारंभ हो जाता है. चैत्र माह से ही नव-संवत्सर यानी कि हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है. हिन्दू नववर्ष पर लोग एक दूसरे को बधाइयां देते हैं और खुशियां मनाते हैं. हिन्दू नववर्ष यानी कि नवसंवत्सर 2078 के साथ ही शुभ कामों की शुरुआत भी हो जाएगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार नव-संवत्सर में एक बेहद विचित्र योग बन रहा है जोकि हानिकारक परिणाम ला सकता है. आइए जानते हैं नव-संवत्सर से जुड़ी ख़ास बातें और इसका महत्व…
हिंदू ग्रंथों के अनुसार, इस समय नव-संवत्सर 2077 चल रहा है, इसका नाम प्रमादी है. पुराणों में कुल 60 संवत्सरों का जिक्र है. इसके मुताबिक़ नवसंवत्सर यानी नवसंवत्सर 2078 का नाम आनंद होना चाहिए था. लेकिन ग्रहों के कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जिसकी वजह से इस हिन्दू नववर्ष का नाम ‘राक्षस’ होगा.
जहां हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र नवरात्रि चैत्र के माह में पड़ती है, तो वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये नवरात्रि आमतौर पर अप्रैल माह में पड़ती है. इसके साथ ही पंचांग की माने तो, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही हिन्दू नववर्ष का भी प्रारंभ होता है. जो भारत के अलग-अलग राज्यों में एक मुख्य पर्व की तरह मनाया जाता हैं, जैसे: महाराष्ट्र और मध्य भारत में इस दिन को गुड़ी पड़वा पर्व के रूप में मनाए जानें का विधान है, तो वहीं दक्षिण भारत में इस मौके पर उगादि पर्व का जोश देखने को मिलता है.
हिन्दू नववर्ष चैत्र प्रतिपदा का धार्मिक महत्व
हेमाद्रि के ब्रह्म पुराण की मानें तो, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन ही सूर्योदय के समय ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना की थी. यही मुख्य कारण है कि, पंचांग अनुसार हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अर्थात प्रथम तिथि के साथ ही, हिन्दू नव वर्ष का प्रारंभ भी होता है और इसी दिन से नया संवत्सर लागू होता है. वर्ष 2021 में दिनांक 13 अप्रैल, मंगलवार से नव संवत्सर 2078 आरंभ होगा.
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