सरकारी आदेश दिखाने के बाद भी विद्युत कर्मियों की नहीं मिला कोरोना का टीका
कोरोना महामारी में सरकार जहां एक तरफ फ्रंट लाइन वॉरियर्स को प्राथमिकता दे रही है, वहीं कई ऐसे योद्धा है जो महामारी के इस वक़्त में भी अपना पूरा योगदान दे रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य सुविधा पाने में अब भी पिछली कतार में ही हैं। लालगंज में विद्युत कर्मियों को अस्पताल की चौखट से खाली हाथ लौटना पड़ा।
अब जरा इस खबर को विस्तार से जानते हैं। हुआ यूं कि अपने जान जोखिम में डाल कर ड्यूटी करने वाले विद्युत कर्मी जब रेफरल अस्पताल लालगंज पहुंचे तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर से हुई इस नजरंदाजगी से विद्युत कर्मियों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। विद्युत विभाग की कर्मियों ने मीडिया के सामने भी अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि इस रवैये से वो काफी नाराज है। महामारी के इस दौर में उन्हें अपने स्वास्थ्य और जान की फिक्र हो रही है।
वैशाली जिले के लालगंज में बिजली विभाग में सुपरवाईजर राहुल कुमार और चार अन्य कर्मी गरीब नाथ, प्रभु नारायण, विवेक और चंदन पहुंचे रेफरल अस्पताल, कोविड का टीका लेने। उन्हें उम्मीद थी कि कोरोना महामारी में उन्हें प्राथमिकता न सही, मगर आम जनता से थोड़ा सा ऊपर तवज्जो देते हुए कोरोना महामारी का टीका दिया जाएगा। उनके साथ में विभाग का पत्र भी था। लेकिन पांचों कर्मियों को बिना टीका लगाए ही लौटा दिया। अस्पताल प्रबंधन ने विद्युत विभाग के किसी भी पत्र को नहीं मिलने का हवाला दिया।
फिलहाल अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जब तक उनके पास ऊपर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं आती, तब तक टीकाकरण अभियान में वो टीका लगवाने आये लोगों के वरीयता क्रम में अपनी तरफ से की बदलाव नहीं कर सकते। टीके की उपलब्धता के अनुसार उन्हें भी टीका लगाया जाएगा। फिलहाल सभी विद्युत कर्मी निराश हैं और नाराज दिख रहे हैं।