बिहारः फिर गंगा में 41 शव बहते मिले, चौसा के रानीघाट बॉर्डर पर महाजाल लगाया गया
राज्य में दर्जनों शव चौसा गंगा नदी के किनारे बहते हुए मिलने से जिला प्रशासन सतर्क है। अब तक गंगा किनारे बने घाटों में बाजार घाट, रानीघाट, मठिया घाट, महादेवा घाट, शमशान घाट, चौधरी घाट एवं बारामोड़ घाट से गंगा नदी में बहते 71 शवों को गड्ढे खोदकर शमशान घाट के नजदिक दफन किया गया है। गंगा में मिले इन शवों में 41 शव मंगलवार को मिला है। मेडिकल टीम द्वारा शवों का पोस्टमार्टम किया गया और शवों के सैंपल भी डीनए टेस्ट के लिए लिये गये है।
गंगा नदी में बहती लाशें बड़ी संख्या में बक्सर के चौसा में मिलने पर सोमवार को डीएम अमन समीर, एसपी नीरज कुमार और एडीएम केके उपाध्याय सहित अन्य वरीय अधिकारी महादेवा घाट पहुंचे। अधिकारियों के साथ में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी शवों को जांच करने के लिए पहुंची थी।
डीएम ने बताया कि गंगा में यूपी से बहते हुए लाशें इधर आयी है। इस कारण यूपी से बहकर शव नहीं आये इसके लिए प्रशासन ने रानीघाट बॉर्डर पर गंगा नदी में इस छोर से उस पार तक महाजाल लगाने के निर्देष दिये है। इस मामले में अधिकारियों द्वारा यूपी प्रशासन से भी संपर्क किया जा रहा है।
महाजाल लगाने के अतिरिक्त कर्मचारियों की भी नियुक्ति सभी घाटों पर की जायेगी। घाटों पर नियुक्त किए गए कर्मचारी गंगा में शवों को प्रवाहित करने से रोकने का काम करेगें।
एसडीएम के दिशा निर्देश में सीओ नवलकांत एवं बीडियो अषोक कुमार द्वारा शवों को रात में ही शमशान घाट के नजदीक गढ्ढे में दफन करा दिया गया।
सीओ नवलकांत ने बताया कि गंगा नदी किनारे विभिन्न घाटों पर मिले सभी 71 लाशें को शमशान घाट के गढ्ढे में दफन किये गये है। यूपी से बहकर शव इधर नहीं आये इसके लिए प्रशासन द्वारा गंगा में चौसा के रानीघाट बॉर्डर पर इस छोर से उस पार तक महाजाल लगाने का काम किया गया है।
प्रशासन द्वारा पुलिस जवानों की चौसा के शमषान घाट पर तैनाती की गई है। प्रशासन ने आने वाले सभी शवों को शमशान घाट में जलाने के निर्देष दिये है। संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।