भवन निर्माण में अस्पताल परिसर से मिट्टी काट रहे मेसर्स कुंवर कंस्ट्रक्शन
बिहार चिकित्सा सेवाओं में अजीबो गरीब किस्से देखने को मिलते है. आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड पटना के ठेकेदार मेसर्स कुंवर कंस्ट्रक्शन द्वारा 14.32 करोड़ रुपए से त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल का नया भवन बनाए जा रहा हैं, जिसमें भवन निर्माण में सैकड़ों ट्रैक्टर मिट्टी की आवश्यकता पड़ रही है. आरोप लग रहे है कि मिट्टी की पूर्ति के लिए कंपनी ने तथाकथित खनन माफियाओं से हाथ मिला लिया है.
बघला नदी से सैकड़ो ट्रेक्टर मिट्टी कटवाए जाने का मामला थमा भी नही है कि अब हद तो यह हो गई कि कम्पनी अनुमंडलीय अस्पताल परिसर से ही जेसीबी लगाकर तीन फीट से अधिक मिट्टी काट डाली। ताज्जुब की बात ये है कि लेकिन अनुमंडलीय अस्पताल प्रबंधन इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नही है। सवाल ये है कि आखिर मसला क्या है. अस्पताल प्रबंधन को डर है, या आपसी मिलीभगत ? इसके पूर्व में भी खनन माफिया के विरुद्ध न तो प्राथमिकी दर्ज हुई है और न किसी प्रकार की कोई कार्रवाई की गयीं.
बीते दिन त्रिवेणीगंज के बभनगामा स्थित बघला नदी से मिट्टी के अवैध खनन में तथाकथित अधिकारी को बरगलाकर कोविड-19 की आड़ में गलत एनओसी लेकर मिट्टी काटकर बेचने के मामले खुलासा मीडिया के माध्यम से किया गया था। जिसे सम्बंधित अधिकारियों ने भी इसे गलत माना है।
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जल निस्सरण प्रमंडल अधिकारी को अंधेरे में रखते हुए उनसे एनओसी लिया गया है। नदी व सरकारी जमीन से मिट्टी काटकर बेचना गलत है। इस पर खनन पदाधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं। नदी से मिट्टी कटवाकर बेच रहे मो. मंसूर आलम उर्फ दुलार को किसी बात का डर नहीं है. मंसूर के मंसूबे ठीक नहीं बताये जा रहे. इस मामले की लीपापोती कर मामले को ठंढे बस्ते में डाल देने का अंदेशा लग रहा है।
तमाम सर्वज्ञात सबूतों और इल्जामो के बावजूद भी इतनी बड़ी लापरवाही खुलेआम की जा रही है और खनन माफिया के विरुद्ध न तो कोई प्राथमिकी दर्ज हुई है और न किसी प्रकार की कोई कार्रवाई हुई। मामले को लेकर त्रिवेणीगंज एसडीएम शेख जेड हसन ने बताया कि निष्पक्ष जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।