पटना महावीर मंदिर को लेकर हनुमानगढ़ी के कहा, 300 साल पहले पड़ी थी नींव, मंदिर के सचिव ने मांगा प्रमाण

राजधानी पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर पर अधिकार को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। हनुमानगढ़ी अयोध्या का कहना है कि रामनंदीय वैरागी बालानंद जी ने 300 साल पहले पटना जंक्शन पर उतरने के बाद यहां महावीर मंदिर की स्थापना की थी। इसपर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा इस बात के कोई प्रमाण नहीं है। वह कभी पटना आए ही नहीं।
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हनुमानगढ़ी के पास इसका कोई प्रमाण है तो वह प्रस्तुत करें। मैं खुद बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद में जाकर कमेटी में परिवर्तन के लिए लिखूंगा। वही, हनुमानगढ़ी ने सचिव किशोर कुणाल पर मंदिर पर कब्जे का आरोप लगाया गया है।उनका कहना था कि किशोर कुणाल आईपीएस अधिकारी रहे हैं। उन्होंने पटना के एसपी रहते हुए महावीर मंदिर को अपने अधिकार में लिया था। उस समय मंदिर के पुजारी व महंत रामगोपाल दास को गलत आरोप में जेल भिजवा दिया था।
इसके बाद से ही वे मंदिर के सर्वेसर्वा हो गए। जबकि हाईकोर्ट ने बाद में रामगोपाल दास को बाइज्जत बरी कर दिया था। आपको बता दें कि महावीर मंदिर पर अधिकार को लेकर यह पूरा विवाद कुछ दिन पहले शुरू हुआ, जब अयोध्या के हनुमानगढ़ी ने महावीर मंदिर पर अपना अधिकार जताया था।जिस पर मंदिर से सचिव ने यह कहकर साफ इनकार कर दिया था कि मंदिर का हनुमानगढ़ी से कोई वास्ता नहीं है, यह पूरी तरह से सार्वजनिक है।

आपको बता दें कि अब यह विवाद बढ़ता जा रहा है।हनुमानगढ़ी के महंत प्रेमदास ने कहा कि हनुमानगढ़ी के रामनंदीय वैरागी बालानंद जी ने ही 300 साल पहले पटना जंक्शन पर उतरने के बाद यहां महावीर मंदिर की स्थापना की थी।हनुमानगढ़ी महंत ने कहा कि महावीर मंदिर में शुरू से ही महंत की परंपरा रही है, जिसे किशोर कुणाल ने खत्म किया।