गंगा नदी के साथ लगे इलाको में बड़े पैमाने पर गांजे और शराब की तस्करी
बिहार में शराब बंदी है लेकिन इस बंदी का कुछ अता पता ही नहीं चलता. अगर शराब के साथ साथ अब गांजा और चरस भी मिलने लगे तो इसे किस केटेगरी में रखेंगे आप ? बिहार में बढ़ रहे नशे के कारोबार का आलम यह है कि किसी भी दिन किसी भी गाँव किसी भी चौराहे से नशीले पदार्थ शराब गांजा इत्यादि बरामद हो जाती है और उसे पकड़ कर पुलिस अपनी पीठ थपथपा लेती है, लेकिन शाबाशियों के शोर में यह सवाल कहीं गौण हो जाता है कि आखिर नशे का सामान आया कैसे?
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नया मामला बिहार के वैशाली जिले का है. पुलिस को खबर मिली थी की गंगा नदी के साथ लगे इलाको में बड़े पैमाने पर गांजे और शराब की तस्करी की जा रही है. बिद्दूपुर थाना क्षेत्र के इन इलाको में गांजे और शराब कारोबार की सुचना पर देर रात पुलिस ने कई बड़े नशे के कारोबारियों के यंहा छापेमारी की . पुलिस और टास्क फ़ोर्स की टीम तसकरो के घरो से ढूंढ ढूंढ कर गांजे की खेप निकालने लगी. कई तसकरो के घरो से शराब की खेप भी मिली , जिसके बाद तस्कर भागते दिखे.
छापेमारी के दौरान 100 किलो से ज्यादा गांजा बरामद किया . रात चली ये पूरी करवाई बेहद गोपनीय रखी गई थी और पुलिस और Anti Liquor Task force के साथ SDPO सदर राघव दयाल इस पुरे छापेमारी का नेतृत्व कर रहे थे . पुलिस की कारवाही से इलाके के तस्करो में हड़कंप मचा तो पुलिस ने दावा किया है की कारवाही , बरामदगी और तस्करो की गिरफ़्तारी से नशे के कारोबार पर ब्रेक लगाने में मदद मिलेगी.