जातीय जनगणना को लेकर बिहार में कोहराम, मांझी के बाद अब बोले जनकराम
जातीय जनगणना को लेकर बिहार में एक बार फिर से राजनीतिक युद्ध छिड़ गई है बता देगी एक तरफ जहां बिहार से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मुलाकात की बावजूद बिहार की राजनीति में जाति जनगणना हो या ना हो इसको लेकर बयानबाजी आ अपने चरम पर है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बीते दिन एक ट्वीट में लिखा था कि जो लोग जातीय जनगणना का विरोध कर रहे हैं, दरअसल वह बाबा साहब अंबेडकर और संविधान का विरोध कर रहे हैं. सभी जानते हैं कि जातीय जनगणना को लेकर भारतीय जनता पार्टी का स्टैंड क्या रहा है. जिस तरीके से बीजेपी के नेताओं के बयान आते थे, उससे कुछ सही महसूस नहीं हो रहा था.
जीतन राम मांझी का ट्वीट से बिहार की राजनीति में काफी अहम माना जा रहा है. जब जीताराम माझी के ट्वीट को लेकर बीजेपी कोटे से मंत्री जनक राम से सवाल किया गया तो जनक राम इन सवालों से बचते में नजर आए और कहा कि माझी जी अपने समाज के कद्दावर नेता है हमारे अभिभावक हैं. हम उनकी बातों का जवाब कैसे दे सकते हैं.
जनक राम से जब यह सवाल किया गया की जातिगत जनगणना की आड़ में कहीं जनसंख्या नियंत्रण कानून को छुपाया तो नहीं जा रहा इस पर जनक राम ने कहा की जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी है और अगर परिवार में कम लोग रहेंगे तो परिवार व समाज का विकास अच्छे से अच्छा होगा।
जातिगत जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात के बारे में जनक राम ने कहा की बिहार प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर अपनी बात रखी है. वहां परिवार जैसा माहौल था प्रधानमंत्री जो भी फैसला लेंगे वह हमारे लिए सर्वमान्य होगा.