बिहार के सभी थानों को दी गई ‘आत्मनिर्भर राशि’, अब जरूरत के हिसाब से कर सकेंगे खर्च

 बिहार के सभी थानों को दी गई ‘आत्मनिर्भर राशि’, अब जरूरत के हिसाब से कर सकेंगे खर्च

पुलिस मुख्यालय ने सूबे के पुलिस थानों को किसी तरह के कार्य पर एडवांस राशि निकासी का अधिकार दिया है. इसके पीछे का मकसद है कि थानों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए वह किसी और का मोहताज ना रहे. पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी जिलों के एसपी (SP) को थानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एडवांस निकासी की शक्ति भी दी गई है.


थानों को अब 31 तरह के कार्य पर खर्च की सहूलियत होगी. थाने बल्ब, स्विच, तार, होल्डर, बोर्ड की खरीद, बिजली की वायरिंग और पंखे की मरम्मत कराने का भी अधिकार होगा. इसके अलावा थाना परिसर में चापाकल, सप्लाई वाटर, पाइप की मरम्मत, थाना के बोर्ड की रंगाई-लिखाई, मरम्मत, थानों के रिकॉर्ड की बाइंडिंग, थाना का मैप बनवाना, थाना तख्ती का निर्माण, थाना भवन के दरवाजे और खिड़की की मरम्मत, शौचालय की सफाई के लिए झाड़ू, फिनायल, एसिड, पर्दा, टेबल क्लॉथ, थाना हाजत में बंधुओं के लिए अधिकतम 5 दरी, कंबल, गवाहों के बयान की रिकॉर्डिंग एवं अन्य डिजिटल एविडेंस को सुरक्षित रखने के लिए सीडी, पेन ड्राइव, माइक्रो एसडी कार्ड, हार्ड डिक्स, प्रिंटर कार्टेज, कंप्यूटर, यूपीएस, प्रिंटर की मरम्मत हेतु राशि खर्च कर सकेंगे.

सभी थानों में अब मामूली काम पैसे के अभाव में अटके नहीं रहेंगे. थानों को रोजाना के खर्च के लिए तय की गई आत्मनिर्भर राशि को अब कई अन्य छोटे और महत्वपूर्ण कार्य के लिए खर्च किया जा सकेगा. दरअसल साल 2008 से ही थानों को पैसा देने का निर्णय लिया गया था.थानों को आत्मनिर्भर राशि देने का प्रावधान वर्ष 2008 में ही किया गया था. ए कैटेगरी को 25 हजार और बी कैटेगरी को 15 हजार और सी कैटेगरी के थानों को 10 हजार एडवांस दिए जाते हैं. इस राशि का आधा खर्च होने पर बाकी रकम दोबारा भेज दी जाती है. एक वित्तीय वर्ष में थाना अपनी कैटेगरी के अनुसार निर्धारित राशि का अधिकतम 4 गुना खर्च कर सकता है.

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