Happy Teachers Day 2021 : जानिए शिक्षक दिवस कब से और क्यों मनाया जाता है?
Happy Teachers Days 2021: हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर व्यक्ति के जीवन को सफल बनाने में एक शिक्षक का हाथ होता हैं। शिक्षक दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है। राधाकृष्णन को अपने टीचर्स के प्रति प्यार बहुत था। शिक्षक दिवस के बारे में आपको बता दें कि सबसे पहले भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर 1962 को मनाया गया था। देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के अलावा एक बेहतरीन शिक्षक भी थे। उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा गया था और 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था।
इस दिन से मनाया जाता है शिक्षक दिवस
सबसे पहले 5 सितंबर 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया था। माना जाता है कि जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति का पद संभाला था तब उनके कुछ छात्रोंं ने जन्मदिन मनाने की बात कही थी। इसपर राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की जगह अगर शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाए तो बहुत गर्व महसूस होगा। बस तभी से उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। आपको बता दें हम जीवन में गुरु बगैर कुछ भी सीख नहीं सकते है। शिक्षक दिवस के दिन वह अवसर होता है, जब हम अपने गुरुओं को उनके मार्गदर्शन और ज्ञान देने के लिए धन्यवाद देते हैं।
छात्र के लिए शिक्षक का महत्व
एक सफल छात्र के जीवन में शिक्षक का बहुत बड़ायोगदानहोता है। बता दें कि जिस प्रकार से एक कुम्हार गीली मिट्टी से सुंदर घड़े का आकार देता है, ठीक उसी प्रकार से शिक्षक एक बच्चे को अच्छा इंसान बनाता है। मां-बाप के अलावा बच्चा सबसे अधिक समय अपने शिक्षकों के साथ ही गुजारता है। यही वजह है कि शिक्षक बच्चों के व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं।
शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते हैं बल्कि अच्छी-अच्छी चीजें भी सिखाते हैं। जीवन जीने से लेकर भी कई अच्छी बातें छात्रों से वे हमें बताते हैं।वही, पिछले दो सालों में स्कूल और शिक्षक का महत्व छात्रों को अच्छे से समझ आया है। कई लोग बड़े और कामयाब होने के बाद भी अपने गुरुओं यानी शिक्षकों को नहीं भूलते हैं। हर बार संदेशों तो कभी तस्वीरों के जरिये इस खास दिन पर अपने गुरुओं का आशीर्वाद लेते हैं।