जिले के प्रभारी मंत्री ने की बाढ़, अतिवृष्टि व अन्य आपदाओं से हुई क्षति की समीक्षात्मक बैठक
हाजीपुर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बुधवार को ग्रामीण कार्य विभाग सह जिले के प्रभारी मंत्री जयंत राज ने बाढ़, अतिवृष्टि एवं अन्य आपदाओं से हुई क्षति की समीक्षात्मक बैठक की. डीएम उदिता सिंह से पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ राहत के लिए किये गये कार्यों की जानकारी ली. डीएम ने मंत्री को बताया कि लगातार हुई बारिश, याश तूफान और नदियों के जलस्तर में वृद्धि से जिले के 13 प्रखंडों की 29 पंचायत पूर्ण रूप से बाढ़ से प्रभावित हुई है. वहीं 62 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हैं. राघोपुर प्रखंड की सभी 21 पंचायतें बाढ़ से पूर्ण रूप से प्रभावित हुई है. जिले की 4,34,062 आबादी बाढ़ से प्रभावित रही है. इस बार वाया नदी के जलस्तर में उफान की वजह से भगवानपुर, पटेढ़ी बेलसर, वैशाली, लालगंज, महुआ, राजापाकर तथा गोरौल प्रखंड प्रभावित हुआ है.
बाढ़ के दौरान जिला में बाढ़ पीड़ितों को भोजन कराने के लिए 155 जगहों पर सामुदायिक किचेन चलाये गये, जिसमें 19,98,603 व्यक्ति लाभान्वित हुए. 213 नावों का परिचालन कराया गया, अभी भी 64 नाव चलाये जा रहे हैं. सबसे अधिक 88 नाव राघोपुर प्रखंड में चलाये गये. राघोपुर में चार तथा बिदुपुर, देसरी और महनार में एक-एक समेत 7 राहत केंद्र बनाये गये थे.
13207 लोगों के स्वास्थ्य की हुई जांच
समीक्षा बैठक में मंत्री को जानकारी दी गयी कि बाढ़ के दौरान 247 स्वास्थ्य केंद्र चलाकर कुल 13207 लोगों का इलाज किया गया. कुल 41935 हेलोजन के टैबलेट वितरित किये गये. 509 किलोग्राम बिलिचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया. बाढ़ प्रभावित पशुओं की देखभाल के लिए 27 पशु कैंप लगा कर 8224 पशुओं का उपचार किया गया. जिले में कुल 9 पशु मृत प्रतिवेदित है, जिसमें 8 के लिए सहायता अनुदान का भुगतान कर दिया गया है और बचे 1 का भुगतान जल्द ही कर दिया जायेगा. राघोपुर प्रखंड में 6000 तथा बिदुपुर प्रखंड में 875 फूड पैकेट्स का वितरण कराया गया है. इसके अतिरिक्त बच्चों के लिए सुधा का दूध पाउडर भी वितरित किया गया. अभी तक 14284 पॉलिथीन शीट्स का वितरण किये गये हैं. वितरण अभी भी कराया जा रहा है.
सभी फसलों की क्षति का करें आकलन
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 60741 हेक्टेयर भूमि में कृषि कार्य, फसल क्षति का आकलन किया गया है. डीडीसी विजय प्रकाश मीणा ने बताया कि मनरेगा के तहत एवं अन्य विभागों से कुल 93 जगहों पर बांध की मरम्मति करायी गयी. अभी तक 6 लोगों के डूबने की सूचना प्राप्त हुई है, जिसमें सभी के परिजनों को 4 लाख के दर से राशि का भुगतान किया गया है. बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों एवं प्रभावित जलापूर्ति योजना की भी जानकारी दी गयी. मंत्री ने फसल क्षति का आकलन करते समय केला, पपीता, आम, लीची तथा सब्जी एवं अन्य फसलों को भी शामिल करने को कहा. साथ ही जहां किसान फसल नहीं लगा पाये और वह क्षेत्र जलमग्न हो गया, इसका भी आकलन करने को कहा.
सड़क से पानी हटते ही उसकी मरम्मती, विधायकों परामर्श लेकर एवं समन्वय स्थापित कर सभी कार्यों में तेजी लाने, नल जल योजना कहां जलापूर्ति बाधित है, इसका प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. इस दौरान कोरोना से मृत आठ लोगों के परिजन को 4-4 लाख का चेक सांकेतिक रूप से वितरित दिया गया. यह राशि आरटीजीएस के माध्यम से उन लोगों के खाते में भेजी जा चुकी है. बैठक में साथ एसपी मनीष, एसडीओ, एडीएम, सिविल सर्जन, डीसीएलआर, सभी अभियंता और सीओ उपस्थित थे.
विधायकों ने की बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की रखी मांग
महुआ डॉ मुकेश रौशन ने महुआ और चेहराकलां, राजापाकर विधायक प्रतिमा दास ने राजापाकर, सहदेई बुजुर्ग, देसरी को बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग की. वहीं वैशाली विधायक सिद्धार्थ पटेल ने ऐतिहासिक स्थलों पर जलजमाव न हो, इसकी व्यवस्था करने की मांग की.