Daughter’s Day 2021 : जानिए डॉटर्स डे क्यों मनाया जाता हैं, क्या है डॉटर्स डे का इतिहास
भारत में लड़कियां अपना नाम क्यों न गिनीज बुक में दर्ज करा लिया हो, लेकिन फिर भी उन्हें अपने हक के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है। शहरों में कुछ हद तक लोगों की मानसिकता बदल गई है लेकिन गांव में लोगों की सोच बेटियों के प्रति अभी भी वही है। डाटर्स डे एक ऐसा दिन है जिसमें परिवार में होने वाली बेटी के लिए खुशी मनाई जाती है। यह दिन भारत समेत पूरी दुनिया में मनाई जाती है।
आपको बता दें हर साल डाटर्स डे सितंबर महीने के अंतिम रविवार को मनाया जाता है। इस बार इस महीने के अंतिम रविवार 26 सितंबर यानी आज है। जैसे हम मदर डे या फादर्स डे अपने माता पिता को सम्मान देने के लिए मनाते हैं उसी तरह बेटियों को सम्मान देने के लिए डाटर्स डे भी मनाया जाता हैं। तो आइए आज आपको बताते हैं कि डाटर्स डे क्यों मनाया जाता हैं। भारत में इसकी इसकी शुरूआत कैसे हुई।
डाटर्स डे का इतिहास :-
भारत में लड़कियों को लेकर हमेशा से एक अलग सोच रही है। हालांकि बड़े शहरों में लोगों की सोच लड़कियों के प्रति काफी बदल गई है। लेकिन छोटे शहरों में या ग्रामीण क्षेत्रों लोग अभी भी लड़कियों खास वैल्यू नहीं देते हैं। इसी सोच को मिटाने के लिए भारत में डाटर्स डे मनाना शुरू किया गया। इस दिन का उद्देश्य यह है कि लोगों के मन से इस सोच को दूर किया जाए कि बेटी बोझ है। हालांकि यह निर्धारित नहीं है कि भारत में किस साल से डाटर्स डे की शुरुआत की गई।डाटर्स डे के मौके पर लोगों को यह याद करने का मौका मिलता है कि बेटियां उनके लिए कितनी जरूरी हैं। इसलिए, यह दिन तारीफ करने और बेटियों को यह बताने के लिए मनाया जाता है कि वे कितनी खास हैं।