टाटा ग्रुप के हाथों एयर इंडिया जाने की खबरों को सरकार ने किया खंडन,जानिए सच्चाई
सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया के अधिग्रहण के लिए टाटा ग्रुप की बोली को मंजूरी मिलने की खबरों को सरकार ने खारिज किया है। दरअसल, मीडिया में ऐसी खबरें आ रही थीं कि टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के नीलामी की प्रक्रिया जीत ली है। हालांकि, अब सरकार की ओर से इस पर स्पष्टीकरण आ गया है। डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव ने बताया है कि मीडिया रिपोर्ट गलत हैं। सरकार के निर्णय के बारे में मीडिया को सूचित किया जाएगा। बता दें कि DIPAM वित्त मंत्रालय के अधीन आता है।
जानकारी के मुताबिक, एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिये टाटा समूह और स्पाइसजेट ने वित्तीय बोलियां जमा की है। सरकार ने हाल ही में कहा था कि टाटा और स्पाइसजेट की वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन शुरू किया गया है। इसके साथ सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी के निजीकरण की प्रक्रिया अगले चरण में बढ़ गयी। सरकार सौदे को जल्दी पूरा करने को इच्छुक है।
वही, समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, अघोषित आरक्षित मूल्य के आधार पर वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। जिस बोली में मानक मूल्य से अधिक कीमत पेश की गयी होगी, उसे स्वीकार किया जाएगा। टाटा की बोली अगर सफल होती है तो एयर इंडिया 67 साल बाद नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले समूह के पास वापस चली जाएगी।गौरतलब है कि टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एअर इंडिया का गठन किया था।
उसके बाद सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया। टाटा पहले से सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विमानन सेवा विस्तार का परिचालन कर रही है।सरकार एयरलाइन में अपनी 100% हिस्सेदारी बेच रही है। इसमें एयर इंडिया की 100% हिस्सेदारी वाली एआई एक्सप्रेस लि. और 50% हिस्सेदारी वाली एयर इंडिया STS एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. शामिल हैं।