बिहार : इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र पढ़ रहे है मेडिकल से जुड़ा चैप्टर
बिहार में इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहे छात्र मेडिकल से जुड़े चैप्टर के भी पढ़ाई कर रहे हैं। तीसरे से सातवें सेमेस्टर के छात्रों के लिए बायोलॉजी फॉर इंजीनियर्स कोर्स जोड़ा गया है। इसमें बायोलॉजी को इंजीनियरिंग के साथ जोड़कर पढ़ाया जा रहा है। तीसरे सेमेस्टर से लेकर सातवें सेमेस्टर तक हर ब्रांच के छात्रों को यह कोर्स पढ़ाया जाता है। राज्य के भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के मैकेनिकल विभाग के सहायक प्राध्यापक देवनाथ कुमार ने बताया कि सरकार IIT और NIT में बायोमेडिकल पर शोध को प्रोत्साहित कर रही है।
जानकारी अनुसार, इसी कड़ी में राज्य सरकार ने इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ इस कोर्स को जोड़ा है। इसकी मांग विदेश में काफी है। इससे बायो मैकेनिक्स के क्षेत्र में शोध की असीम संभावनाएं बढ़ेंगी। छात्रों को सिलेबस के रूप में जेनेटिक्स, बायो मॉलिक्यूल्स, एंजाइम, इंफारमेशन ट्रांसफर, माइक्रोमॉलिक्यूल्स एनालाइसिस, मेटाबॉलिज्म, माइक्रोबायोलॉजी आदि टॉपिक पढ़ाये जाते हैं। न्यूरो बेस्ड मैकेनिज्म, बॉडी मैकेनिज्म, स्ट्रेंथ आदि की जानकारी दी जाती है।
आपको बता दें कि भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. पुष्पलता ने बताया कि इस तरह के कोर्स का कोरोना संक्रमण के बाद से महत्व बढ़ गया है। शोध के नए आयाम खुलेंगे और प्लेसमेंट में भी मेडिकल के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां आएंगी। साथ ही भागलपुर ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे ने बताया कि बायोलॉजी फॉर इंजीनियर्स जैसे कोर्स इंजीनियरिंग के पारंपरिक पैटर्न से छात्रों को आगे ले जाएगा। ट्रिपल आईटी से बीटेक करने वाले छात्रों को बायोमेडिकल सिग्नल सिस्टम एनालाइसिस का कोर्स सातवें सेमेस्टर में पढ़ाया जाता है। जबकि एमटेक कर रहे छात्रों को दूसरे सेमेस्टर में पढ़ाया जाता है।