पिता के पास नही थे 500 रूपये तो छूट गई IIT परीक्षा, आज बेटा बना UPSC टॉपर
UPSC 2020 : इस साल के यूपीएससी टॉपर शुभम कुमार के पिता देवानंद सिंह के में बताया उनके पास 500 रूपए नहीं थे, तो वह 1983 में IIT का परीक्षा नहीं दे पाए। उस दिन वह रात भर अपने दोस्त के साथ रोते रहे। लेकिन आज जब बेटा शुभम कुमार IAS टॉपर बना तो आंख से आंसू तो इस बार भी सारी रात आती रही, लेकिन खुशी के। शुभम के पिता देवानंद सिंह ने बचपन में दुखों के कारण जितने आंसू बहाए थे। उतना ही बेटे के IAS टॉपर बनने के बाद उनके आंखों से खुशी के आंसू पिछले 15 दिनों से टपक रहे हैं।देवानंद सिंह कहते हैं कि वह पढ़ाई में खुद भी बहुत तेज थे। वह आईआईटी पास करना चाहते थे, लेकिन पैसे के अभाव में उनका सपना साकार नहीं हो पाया। उनके पिता जी शिक्षक थे जिनका निधन हो गया, वह तब मैट्रिक परीक्षा देने वाले थे। वह तीन महिने तक नहीं पढ़ पाए। इकलौते पुत्र थे, उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इंटर में उनके अच्छे नंबर आए।
1983 में उन्होंने आईआईटी का फार्म भरा था। वह बताते हैं कि पांच सौ रूपये नहीं थे, इसलिए आईआईटी का परीक्षा नहीं दे पाया। उसके कारण उसका दोस्त भी परीक्षा देने नहीं गया। दोनों मिलकर रात भर रोते रहे। आज बेटा आइएएस टॉपर बना तो लोग पूछते हैं कैसा महसूस करते हैं। मैं शब्दों में क्या बताऊं, इस मुकाम के पीछे की तपस्या। शुभम की मां पूनम देवी कहती हैं कि जब बच्चे माता के साथ लिपटकर सोता है तो वह हमसे दूर पढ़ने के लिए पटना चला गया। तब शुभम कुमार महज छह साल के थे। तब उनका रेसीडेंशियल स्कूल में नामांकन करा दिया गया। रात भर मैं रोटी थी, लेकिन बचपन से ही उसको कुछ बड़ा करने की चाहत थी। दादा जी बचपन में गुजर गए थे, वह अपनी दादी से कहता था मैं एक दिन बड़ा आदमी बनूंगा। आज उसने कर दिखाया।
आपको बता दें कि शुभम को भरोसा, मिलेगा बिहार कैडर, नवंबर से ट्रेनिंगशुभम का कहना है कि आईएएस टॉपर बनना जितना मुश्किल है, उससे कहीं अधिक चुनौती भरा कार्य है लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों पर खरा उतरना। टॉपर बनने के बाद लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गयी हैं। यह इजी नहीं है। चैलेजिंग जरूर है। ईमानदारी और निष्टापूर्वक पूर्वक अपना कार्य करूंगा। मां की मेहनत और पिता से संस्कार सीखे हैं। बचपन से ही सबका मान-सम्मान करता आया हूं। जहां रहूंगा सबका आदर करूंगा। नवंबर से ट्रेनिंग होगी। उन्हें बिहार कैडर मिलने की आस और विश्वास है।