Breaking News : एक फिर एयर इंडिया की कमान टाटा समूह के हाथों में, 18 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाकर मारी बाजी
काफी लंबे समय के बाद एक बार फिर सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया की कमान टाटा समूह के हाथों में सौंपी गई है। एयर इंडिया के लिए टाटा समूह ने करीब 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। मीडिया को संबोधित करते हुए डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बताया कि टाटा संस की टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर बाजी मारी है। तुहिन कांत पांडे ने कहा कि लेनदेन इस साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद की जा रही है।
आपको बता दें सरकार की शर्तों के मुताबिक सफल बोली लगाने वाली कंपनी यानी टाटा ग्रुप को एयर इंडिया के साथ सब्सिडरी एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी शत प्रतिशत नियंत्रण मिलेगा। वहीं, AISTS में 50% भागीदारी पर कब्जा होगा। साथ ही एआईएसएटीएस प्रमुख भारतीय हवाईअड्डों पर कार्गो और जमीनी स्तर की सेवाओं को उपलब्ध कराती है। विनिवेश नियमों के अनुसार टाटा ग्रुप को एयर इंडिया के घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लैंडिंग की मंजूरी मिलेगी। वहीं, पार्किंग आवंटनों का नियंत्रण भी दिया जाएगा।
गौरतलब है कि सरकारी विमान कंपनी एयरइंडिया करीब 70 साल बाद अपने पुराने मालिक यानी टाटा समूह के पास आई है। दरअसल, जहांगीर रतनजी दादाभाई ) टाटा ने 1932 में इस एयरलाइन की स्थापना की थी। तब इसे टाटा एयरलाइन कहा जाता था। हालांकि, एयर इंडिया का 1953 में राष्ट्रीयकरण किया गया था। उसके बाद कंपनी में सरकार का 100% स्वामित्व था। हालांकि, कर्ज का बोझ बढ़ने के कारण सरकार ने साल 2017 में पहली बार एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने की कोशिश शुरू की।इस बार सरकार 75 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती थी।लेकिन ये संभव नहीं हो सका।