गुवाहटी में ग्लोबल कायस्थ कान्फ्रेन्स की शंखनाद यात्रा संपन्न
ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि संविधान निर्माण से लेकर आधुनिक भारत के नवनिर्माण में हमारे महापुरुषों का योगदान अविस्मरणीय है,फिर भी कायस्थ समाज के साथ उनकी बेरुखी अचंभित करती है। यदि कायस्थ समाज अब नहीं चेता तो बहुत देर हो जाएगी। हमें राजनीतिक दलों का पिछलग्गू बनने के बजाये एकजुट होकर एक ऐसी आवाज बनना है जिसे कोई अनसुना ना कर सके।
राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली में आगामी 19 दिसंबर को तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले विश्व कायस्थ महासम्मेलन को सफल बनाने के लिए जीकेसी के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद तूफानी दौरे कर कायस्थ समाज को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं! इसी क्रम में असम के गुवाहाटी में उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कायस्थ समाज के इतिहास के साथ इतिहासकारों ने दोयम दर्जे का व्यवहार किया है। जेपी आंदोलन की गर्भ से निकले राजनेता आज देश के कई प्रांतों में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं फिर भी कायस्थ समाज के साथ उनकी बेरुखी अचंभित करती है। आइये 19 दिसंबर 2021 को तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली में आयोजित विश्व कायस्थ महासम्मेलन को सफल बनाकर तंत्र की कुम्भकर्णी निद्रा को तोड़ने में हमारी सहायता करें।
इस अवसर पर आसाम की प्रदेश अध्यक्ष नूतन सिन्हा ने कहा, जीकेसी का विस्तार पूरी दुनिया में हैं, और इसके विस्तार के लिए कार्यक्रम के माध्यम से समाज को एकत्रित किया जा रहा है। कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिए पर चला गया है, जिसे संगठित करते हुए मजबूत करने की जरूरत है।
इस अवसर पर श्री अरुण रॉय चौधरी ,श्रीमती पिंकी भट्टाचार्य सिन्हा ,श्रीमती मंजू बोरा ,दिव्येंदु बरुआ ,सुनील श्रीवास्तव ,महेश श्रीवास्तव ,पूजा बोस ,राजेश सिन्हा ,संजीब मोहन्ता एवं अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे ।