प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों को लिया वापस, कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरु नानक जयंती के मौके पर किसानों के हक में बड़ा फैसला लिया है। जिसके कारण देश में एक साल से अधिक समय से किसान प्रदर्शन कर रहे थे। उन तीनों कृषि कानूनों को सरकार निरस्त करने का फैसला लिया है। देश के नाम संबोधन में आज शुक्रवार को PM नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि उनकी तपस्या में कुछ कमी रह गई होगी। जिसके कारण कुछ किसानों को उनकी सरकार समझा नहीं पाई और अंत में यह कानून वापस लेना पड़ा।
आपको बता दें देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 5 दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की मुश्किलों, चुनौतियों को बहुत करीब से अनुभव किया है। मोदी ने कृषि कानूनों को पवित्र बताया और इस बात का अफसोस जताया कि वह और उनकी सरकार कुछ किसानों को समझाने में सफल नहीं हो पाई। PM नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए कदमों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि किसानों की स्थिति को सुधारने के इसी महाअभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे। मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले।
उन्होंने कहा बरसों से ये मांग देश के किसान, देश के कृषि विशेषज्ञ, देश के किसान संगठन लगातार कर रहे थे। पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था। इस बार भी संसद में चर्चा हुई, मंथन हुआ और ये कानून लाए गए। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी। लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।
इसके अलावा कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया। पीएम मोदी ने देशवासियों से माफी मांगते हुए कहा कि आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।