बिहार ITI में शाम में होने वाली पढ़ाई में 21 साल पहले का लागू आदेश बन रहा बाधक

 बिहार ITI में शाम में होने वाली पढ़ाई में 21 साल पहले का लागू आदेश बन रहा बाधक

बिहार के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) में शाम में होने वाली पढ़ाई में 21 साल पहले का लागू आदेश बाधक बन रहा है। इस खराब कानून-व्यवस्था का हवाला देकर राज्य में दो हजार श्रम संसाधन विभाग ने शाम यानी तीसरी पाली में ITI में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू नहीं करने का पत्र केंद्र सरकार को भेजा था। विभाग अब भी उस आदेश पर कायम है। इसका मतलब यह हुआ है कि देश के अधिकतर राज्यों में जहां तीसरी पाली में ITI में प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं, वही, बिहार इससे अछूता है।

जानकारी के अनुसार, अब केंद्र ने तीसरी पाली में शॉर्ट टर्म में जिन विषयों में प्रशिक्षण की मंजूरी दी है, बिहार में उस पर अमल नहीं हो सकेगा। जबकि प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) ने तीन जुलाई 1999 को नेशनल काउंसिल वोकेशनल ट्रेनिंग की 33वीं बैठक में देशभर के ITI में तीसरी पाली में प्रशिक्षण देने का फैसला लिया। 16 नवम्बर,1999 को DGT ने सभी राज्यों के प्रशिक्षण निदेशालयों को तीसरी पाली में प्रशिक्षण शुरू करने को आदेश भी दिया।

आपको बता दें बिहार, हरियाणा और छत्तीसगढ़ को छोड़ बाकी राज्यों ने सत्र 2000 से ही तीसरी पाली में प्रशिक्षण शुरू कर दिया। हालांकि साल 2014 में केंद्र ने पत्र लिखकर बिहार से अनुरोध किया कि तीसरी पाली में प्रशिक्षण शुरू किया जाए पर कार्रवाई नहीं हुई। वही,बिहार राज्य निजी ITI प्रगतिशील संघ के महासचिव दीपक कुमार ने कहा कि 19 अक्टूबर 2019 को विभागीय मंत्री और निदेशक को तीसरी पाली में प्रशिक्षण शुरू करने का ज्ञापन दिया गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बिहार में अभी सरकारी-गैर सरकारी आईटीआई की संख्या 1328 है। इनमें पहली और दूसरी पाली को मिलाकर दो लाख 85 हजार 728 छात्र प्रशिक्षण ले रहे हैं।

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