बिहार : एक सप्ताह के अंदर हटाएं जायेंगे 33 प्रधानाध्यापक, अवैध डिग्री के आधार पर कर थे नौकरी

 बिहार : एक सप्ताह के अंदर हटाएं जायेंगे 33 प्रधानाध्यापक, अवैध डिग्री के आधार पर कर थे नौकरी

बिहार में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर प्रोन्नति पाने वाले जिले 33 हेडमास्टर्स आज भी स्कूलों में उसी पद पर नौकरी कर रहे हैं। कई महीने पहले ही इन लोगों की डिग्री अवैध साबित हो चुकी है। लम्बे समय बाद इनपर सवाल उठने लगे थे कि आखिर विभाग ने अभी तक इन लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं किया। अब जाकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आज बुधवार को कहा कि एक सप्ताह में इन प्रधानाध्यापकों को हटा दिया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, 2020 के अंत में ही कुछ प्रधानाध्यापकों के खिलाफ शिकायत मिली थी कि वे लोग अवैध डिग्री के आधार पर प्रधानाध्यापक बनकर नौकरी कर रहे हैं। उसके बाद शिकायत के आधार पर इस मामले की जांच की गई। जिसमें यह शिकायत सही पायी गई। उसके बाद इन प्रधानाध्यापकों को उनका पक्ष रखने को कहा गया था। लेकिन अधिकतर लोगों ने अपना पक्ष नहीं रखा। कुछ लोगों ने गलत तरीके से रखा।

आपको बता दें 2015 में ही जिले के करीब 200 शिक्षकों को प्रोन्नति दी गई थी। इनमें से 33 शिक्षकों की डिग्री पर सवाल उठाते हुए शिकायत की गई थी कि इन शिक्षकों ने दूसरे राज्यों के बिहार स्थित केंद्रों से पीजी कर उसकी गलत जानकारी विभाग को दी है और उसका लाभ उठाया है। इन प्रधानाध्यापकों की डिग्री मान्य नहीं है। दरअसल, सरकारी सेवा में कार्य करते हुए एवं बिहार राज्य के अंदर रहते हुए उन संस्थनों के फ्रेंचाइजी द्वारा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से राज्य के बाहर के शिक्षण संस्थानों या विश्वविद्यालयों से स्नातकोत्तर की योगयता प्राप्त की है और इसे यूजीसी मान्यता नहीं देता है।

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