जीकेसी के ग्रो ग्रीन अभियान के तहत किचन वेस्ट से जैविक खाद बनाने की विधि एवं पौधारोपण
पटना, 02 फरवरी ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के सौजन्य से ग्रो ग्रीन अभियान के तहत किचन वेस्ट से जैविक खाद बनाने की विधि बताई गई एवं पौधारोपण किया गया। जीकेसी मीडिया-कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि जीकेसी के स्थापना के एक साल पूरे होने के अवसर पर प्रदेश में एक सप्ताह कार्यक्रम किये गये हैं। इसी क्रम में आज दूसरे दिन पौधारोपण का कार्यक्रम किया गया। उन्होंने बताया कि गो ग्रीन अभियान की शुरूआत जीकेसी की प्रबंध न्यासी और गो ग्रीन की राष्ट्रीय प्रभारी रागिनी रंजन के मार्गदर्शन में समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
इसी के तहत गो ग्रीन अभियान को आगे बढाते हुए राजधानी पटना में पौधारोपण किया गया। पौधारोपण के माध्यम से समाज को गो ग्रीन अभियान तक धरती को हरा-भरा रखने का संदेश दिया गया। जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण का ध्यान रखना हमारा परम दायित्व बनता है। सभी को अपने स्तर पर पर्यावरण बचाने पर योगदान देना चाहिए। आसपास लगे पेड़ों को जीवित रखें। उनकी देखभाल करें। जहां जरूरी हो वहां पौधे लगाएं। आज पर्यावरण एक जरूरी सवाल ही नहीं बल्कि ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है लेकिन आज लोगों में इसे लेकर कोई जागरूकता नहीं है।
पर्यावरण को बचाने और जागरूकता फैलाने के लिए ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस संकल्पित है।पर्यावरण संरक्षण एक ज्वलंत समस्या है। इसके निराकरण के लिये विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को हर संभव प्रयास करने चाहिए। पर्यावरण की सुरक्षा हर किसी की जिम्मेदारी है।
जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने गो ग्रीन अभियान को पूरे देश में वृहद स्तर पर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा जीकेसी परिवार पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पित है, इसे संरक्षित करने के लिए गो ग्रीन अभियान की शुरूआत की गयी है, जिसके अंतर्गत कई योजनाएं हैं जो पूरे देश में चलाई जाएगी।
आज के वर्तमान पर्यावरण संकट से उबरने और भविष्य सुरक्षित करने का यह एक मात्र उपाय है, जिसके लिए जीकेसी के सभी सदस्य एवं पदाधिकारी संकल्पित हैं।जीकेसी की प्रदेश अध्यक्ष और गो ग्रीन की राष्ट्रीय सह प्रभारी डा. नम्रता आनंद कहा कि हम सभी को अच्छी तरह से पता है कि पौधारोपण कितना जरूरी है और पौधारोपण हम सभी का कर्तव्य होना चाहिए, क्योंकि यदि हमें अपने भविष्य में धरती पर जीवन को बचाना है तो अधिक से अधिक मात्रा में पौधारोपण करने से ही हम बचा सकते हैं।
वृक्ष सदैव से हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है, लेकिन आधुनिकता में हमने वृक्षों को बहुत नुकसान पहुंचाया है।अंधाधुद कटाई की है इससे तरह-तरह की बीमारियां हुई है,ग्लोबल वार्मिंग हुई है, इसलिए आज हमारा परम कर्तव्य है कि पेड़ लगाएं- पेड़ बचाए, जिससे प्रकृति का संतुलन बना रहे। पौधारोपण का उद्देश्य शुद्ध और स्वच्छ समाज का निर्माण करना है, जिसमें कृत्रिमता नहीं बल्कि वास्तविकता हो। हमने कोविड के दौरान देखा कि वृक्ष द्वारा निशुल्क मिलने वाला ऑक्सीजन हमें मूल्य पर भी मिलना दुर्लभ हो गया था, जो कि संकट का संकेत है।
इस अवसर पर जीकेसी की मुख्य वित्तीय पदाधिकारी श्रीमती निष्का रंजन ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार झारखंड के प्रभारी दीपक कुमार अभिषेक मीडिया- कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव अनुराग समरूप, जीकेसी की बिहार प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद,युवा प्रकोष्ठ के प्रभारी राजेश सिन्हा संजू, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बिहार दिवाकर कुमार वर्मा, संगठन मंत्री बलराम जी,प्रदेश सचिव विनीत श्रीवास्तव ,युवा प्रकोष्ठ के पटना जिला अध्यक्ष पीयुष श्रीवास्तव , शुभम कुमार, प्रसून श्रीवास्तव समेत कई अन्य लोगों ने अपने विचार साझा किये।