भागलपुर : कोरोना से जिन बुजुर्गों को है ज्यादा खतरा, वही बूस्टर डोज लगवाने में पीछे
भागलपुर जिले में कोरोना टीकाकरण की ओवरऑल तस्वीर लोगों के कोरोना से सुरक्षित होने की ओर इशारा कर रही हैं। इसके अलावा कोरोना संक्रमण से जिन बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है। वही कोरोना का बूस्टर डोज लगवाने में पीछे हैं। अभी जिले के फ्रंटलाइन वर्कर, स्वास्थ्यकर्मियों और बीमार बुजुर्गों को कोरोना टीके का तीसरा डोज यानी प्रीकॉशन डोज लगाने का अभियान चल रहा है। आंकड़े बताते हैं कि कोरोना संक्रमण की ज्यादा मार सहने वाली बीमार बुजुर्गों की पीढ़ी, कोरोना टीके का प्रीकॉशन डोज लगवाने के मामले में बहुत ही फिसड्डी है।
आपको बता दें जिले में 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर एवं 60 साल से ज्यादा उम्र के बीमार बुजुर्गों को प्रीकॉशन डोज लगाया जा रहा है। लेकिन, 4 मार्च तक के आंकड़ों के अनुसार, जिले के लक्षित कुल बीमार बुजुर्गों में से महज 48.45 % लोगों को ही कोरोना टीके का तीसरा डोज यानी प्रीकॉशन डोज लगाया जा सका है। जिला प्रतिरक्षण विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जिले के 28478 बीमार बुजुर्गों को कोरोना का टीका लगाया जाना है, लेकिन अब तक महज 14284 बुजुर्गों को ही कोरोना का तीसरा डोज लगाया गया है।
वहीं, बीमार बुजुर्गों, फ्रंटलाइन वर्कर व स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा प्रीकॉशन डोज लगाये जाने की आपसी तुलना करें तो पता चलता है कि तीनों वर्ग में प्रीकॉशन डोज लगवाने के मामले में जिले के स्वास्थ्यकर्मी सबसे तेज हैं। जिले के 11154 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना टीके का प्रीकॉशन डोज लगाया जाना है। इनमें से अब तक 73.96% यानी 8250 स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रीकॉशन डोज लगवा लिया है। जिले के लक्षित 7934 फ्रंटलाइन वर्कर में से चार मार्च तक 98.14% यानी 5407 फ्रंटलाइन वर्करों ने प्रीकॉशन डोज लगवा लिया है।