दफादार-चौकीदारों के मांग पर सरकार करें सकारात्मक विचार , लोजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सत्यानंद शर्मा
यह बात आज डॉ. राम मनोहर लोहिया के जयंती दिवस पर गर्दनीबाग धरना स्थल पर आयोजित दफादार चौकीदार पंचायत द्वारा दो दिवसीय धरना का उद्घाटन करते हए लोजपा- (रामविलास) के वरिष्ठ नेता डॉ. सत्यानंद शर्मा ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में 1821 में चौकीदारों की नियुक्ति शासन और प्रशासन के प्रथम इकाई के रूप में किया गया था। तब से लेकर आजतक सुरक्षा, सूचना और पहरेदारी का काम सरकार चौकीदारों से लेती रही है। लेकिन आजादी के बाद सभी सरकारों ने चौकीदारों के पेट और भविष्य पर लात मारती रही उनके साथ पशुवत व्यवहार किया जाता रहा है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया के पहल पर पूर्व सांसद राम अवधेश सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के प्रयासों से दफ़ादारों चौकीदारों का सशक्त संगठन बना और लम्बा संघर्ष कर अपनी लड़ाई जीतते रहे है।आगे डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया कई निर्णय चौकीदारों के लिए घातक है। सरकार का एक निर्णय शराबबंदी कानून का है जिसमें कहा गया कि जिस चौकीदार के इलाके में शराब पकड़ा जायेगा वहां के चोकीदार की सेवा समाप्त कर दिया जायेगा। सरकार ने यह नही सोचा कि सूचना देने पर पुलिस के ही पदाधिकारी शराब माफिया को सूचना देने वाले चौकीदार का नाम बता देगा और शराब माफिया उस चौकीदार की हत्या कर देगा। ऐसे कानून द्वारा चौकीदारों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
डॉ. लोहिया की जयंती पर निरंतर संघर्ष करने का निर्णय लेना आवश्यक है।धरनार्थियों को मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए युवा लोजपा-(रा.) के राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुमार पासवान ने कहा कि 90 प्रतिशत चौकीदार दलित है। यह सरकार दलित विरोधी है इसीलिए दफादार चौकीदार का दोहन और शोषण किया जा रहा है।उक्त आशय की जानकारी पार्टी के पूर्व महासचिव कचहरी पासवान ने दी